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'पक्ष में आया फैसला तो भी नहीं बनाएंगे मस्जिद'

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय ने 40 दिनों तक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसको लेकर मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि यदि फैसला उनके पक्ष में आता है तो वह मस्जिद का निर्माण नहीं करेंगे. जानें क्यों...

फाइल फोटो
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Published : Oct 20, 2019, 10:13 AM IST

Updated : Oct 20, 2019, 1:02 PM IST

लखनऊ : अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में संभावित फैसले के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि यदि फैसला उनके पक्ष में ही आया तो भी देश की शांति और सद्भाव के लिए वे मस्जिद का निर्माण नहीं करेंगे.

मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा, 'पहली प्राथमिकता सद्भाव बनाए रखना है. यदि फैसला मुस्लिमों के पक्ष में आता है तो यही सबसे अच्छा रहेगा कि शांति और सद्भावना के लिए हम बाबरी जमीन पर मस्जिद नहीं बनाएंगे. हमें चाहिए कि हम उस जगह पर बाउंड्री कर दें.'

महबूब ने आगे कहा, 'यह मेरी व्यक्तिगत राय है. देश की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैं अपने प्रस्ताव को अन्य पक्षकारों के पास ले जाऊंगा.'

हाजी महबूब के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम पक्ष के एक अन्य पक्षकार और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के स्थानीय अध्यक्ष मुफ्ती हस्बुल्लाह बादशाह खान ने कहा, 'यह बिल्कुल सही बात है कि हमें पहले सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखना है. हम परिस्थित पर वरिष्ठ मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ चर्चा करेंगे.

वर्तमान हालातों के चलते यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है, तो हम मस्जिद का निर्माण टाल देंगे.'

पढ़ें-अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

एक दूसरे मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद उमर ने कहा, 'मैं भी यह मानता हूं कि अगर हमारे मस्जिद निर्माण रोकने से सांप्रदायिक सौहार्द्र और शांति समाज में बनी रहती है, तो हमें यह करना ही चाहिए.'

विवाद का शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने वाले मुख्य मुस्लिम पक्षकारों में से एक इकबाल अंसारी ने इस मुद्दे पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा, 'पहले फैसला आने दें. हम देश के सांप्रदायिक ताने-बाने में कोई कमी नहीं आने देंगे.'

लखनऊ : अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में संभावित फैसले के बाद की स्थिति को लेकर चिंतित मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि यदि फैसला उनके पक्ष में ही आया तो भी देश की शांति और सद्भाव के लिए वे मस्जिद का निर्माण नहीं करेंगे.

मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा, 'पहली प्राथमिकता सद्भाव बनाए रखना है. यदि फैसला मुस्लिमों के पक्ष में आता है तो यही सबसे अच्छा रहेगा कि शांति और सद्भावना के लिए हम बाबरी जमीन पर मस्जिद नहीं बनाएंगे. हमें चाहिए कि हम उस जगह पर बाउंड्री कर दें.'

महबूब ने आगे कहा, 'यह मेरी व्यक्तिगत राय है. देश की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैं अपने प्रस्ताव को अन्य पक्षकारों के पास ले जाऊंगा.'

हाजी महबूब के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम पक्ष के एक अन्य पक्षकार और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के स्थानीय अध्यक्ष मुफ्ती हस्बुल्लाह बादशाह खान ने कहा, 'यह बिल्कुल सही बात है कि हमें पहले सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखना है. हम परिस्थित पर वरिष्ठ मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ चर्चा करेंगे.

वर्तमान हालातों के चलते यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है, तो हम मस्जिद का निर्माण टाल देंगे.'

पढ़ें-अयोध्या विवाद मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

एक दूसरे मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद उमर ने कहा, 'मैं भी यह मानता हूं कि अगर हमारे मस्जिद निर्माण रोकने से सांप्रदायिक सौहार्द्र और शांति समाज में बनी रहती है, तो हमें यह करना ही चाहिए.'

विवाद का शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने वाले मुख्य मुस्लिम पक्षकारों में से एक इकबाल अंसारी ने इस मुद्दे पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा, 'पहले फैसला आने दें. हम देश के सांप्रदायिक ताने-बाने में कोई कमी नहीं आने देंगे.'

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Last Updated : Oct 20, 2019, 1:02 PM IST
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