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कर्नाटक : 24 घंटे बाद भी अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे रिश्तेदार

कोरोना का डर लोगों के मन में इस कदर भर गया है कि कर्नाटक में एक व्यक्ति की मृत्यु के 24 घंटे बाद भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं आए. वहीं पति के शव के साथ महिला ने 24 घंटे गुजारे.

महिला ने पति के शव के साथ बिताए 24 घंटे.
महिला ने पति के शव के साथ बिताए 24 घंटे.
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Published : Jul 7, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 7:35 PM IST

बेंगलुरु : कोरोना का डर लोगों के मन में इस कदर बस गया है कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने से भी कतरा रहे हैं. पूरे देश में ऐसी कई घटनाएं सुनने को मिली हैं. ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना हासन जिले में देखने को मिली, जहां पति की मृत्यु के 24 घंटे बाद भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने नहीं आए और महिला को 24 घंटे पति के शव के साथ ही रहना पड़ा.

हासन जिले के रंगोली हल्ला के रहने वाले अन्नाप्पा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे. रविवार को उनका निधन हो गया. स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी उसके रिश्तेदारों को दी.

महिला ने पति के शव के साथ बिताए 24 घंटे.

सूचना पर केवल एक रिश्तेदार अंतिम दर्शन को पहुंचा और लौट गया. रिश्तेदार को डर था कि अन्नाप्पा की मौत कोरोना से हुई है. संक्रमण फैलने के डर से कोई भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा.

पढ़ें- हैदराबाद में स्थापित नया कोविड-19 अस्पताल रोगियों की सेवा के लिए तैयार

जब शव से दुर्गंध आने लगी तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी हासन नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को दी. इसके बाद शव को बिटगनेहल्ली श्मशान ले जाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.

बेंगलुरु : कोरोना का डर लोगों के मन में इस कदर बस गया है कि लोग अपनों के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने से भी कतरा रहे हैं. पूरे देश में ऐसी कई घटनाएं सुनने को मिली हैं. ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली घटना हासन जिले में देखने को मिली, जहां पति की मृत्यु के 24 घंटे बाद भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने नहीं आए और महिला को 24 घंटे पति के शव के साथ ही रहना पड़ा.

हासन जिले के रंगोली हल्ला के रहने वाले अन्नाप्पा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे. रविवार को उनका निधन हो गया. स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी उसके रिश्तेदारों को दी.

महिला ने पति के शव के साथ बिताए 24 घंटे.

सूचना पर केवल एक रिश्तेदार अंतिम दर्शन को पहुंचा और लौट गया. रिश्तेदार को डर था कि अन्नाप्पा की मौत कोरोना से हुई है. संक्रमण फैलने के डर से कोई भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा.

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जब शव से दुर्गंध आने लगी तो पड़ोसियों ने इसकी जानकारी हासन नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को दी. इसके बाद शव को बिटगनेहल्ली श्मशान ले जाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.

Last Updated : Jul 7, 2020, 7:35 PM IST
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