लखनऊ : देश को एक हजार टन सोने के खजाने का सपना दिखाने वाले संत शोभन सरकार का बुधवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में निधन हो गया. सरकार के निधन की सूचना के बाद शिवली स्थित शोभन मंदिर में उनके अंतिम दर्शनों के लिए अनुयायिओं का तांता लगना शुरू हो गया. शोभन सरकार 2013 में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा स्थित किले में 1000 टन सोना छिपे होने का दावा किया था, जिसके बाद खजाने की तलाश में खुदाई भी शुरू करा दी थी.
खजाने और खुदाई की पूरी कहानी
कानपुर और आसपास के जिलों में संत शोभन सरकार की काफी ख्याति थी. इस कारण उनके अनुयायियों में कई मंत्री और नेता भी शामिल थे. अक्टूबर 2013 में शोभन सरकार ने दावा किया कि उन्होंने डौंडिया खेड़ा के किले में 1000 टन सोना छिपा होने का सपना देखा है और उन्हें सपने में डौंडिया खेड़ा के राजा रहे राव रामबख्श ने खुद यह बताया है. इस दावे के बाद केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार में मंत्री रहे चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खुदाई के लिए चिट्ठी लिख दी थी. इसके बाद राज्य की समाजवादी पार्टी ने भी खजाना तलाशने के लिए खुदाई को लेकर उत्साह दिखाया. इसके बाद 18 अक्टूबर 2013 को डौंडिया खेड़ा में भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) की देखरेख में सोने की तलाश में खुदाई शुरू हुई. इससे पहले शोभन सरकार ने खुदाई स्थल का विधिवत भूमि पूजन किया.
![who was shobhan sarkar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7181535_onethousandtongolddream-5.jpg)
1000 टन सोने के खजाने के लिए शुरू हुई खुदाई के कवरेज के लिए देशभर के मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि डौंडिया खेड़ा में जुटने लगे. दिनभर वहां सैकड़ों लोगों का तांता लगा रहता. प्रशासन को सुरक्षा के लिए पुलिस बलों का प्रबंध करना पड़ा. 16 फीट गहरी खुदाई के बाद पथरीली जमीन मिलने लगी, लेकिन खजाने का कहीं नामोनिशान नहीं थी. आखिर 12 दिन बाद एएसआई ने खुदाई बंद करने का निर्णय किया.
![who was shobhan sarkar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7181535_onethousandtongolddream-1.jpg)
इस पूरे प्रकरण के बाद सरकार और एएसआई की बड़ी किरकिरी हुई. सवाल उठे कि आखिर कैसे अंधविश्वास के आधार पर सरकार ने खुदाई का निर्णय कर लिया. यहां तक कि एएसआई अधिकारियों को कहना पड़ा कि वह खजाने के लिए नहीं, बल्कि पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं के लिए खुदाई कर रहे हैं, जिनका महत्व भी खजाने से कम नहीं. उस समय भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे नरेंद्र मोदी ने भी इस खुदाई को लेकर सवाल उठाए थे.
![who was shobhan sarkar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7181535_onethousandtongolddream-4.jpg)
![who was shobhan sarkar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7181535_onethousandtongolddream-2.jpg)
कौन थे शोभन सरकार
शोभन सरकार का असली नाम स्वामी विरक्तानंद था. कानपुर देहात के शुक्लन पुरवा में कैलाशनाथ तिवारी के घर में उनका जन्म हुआ था. 11 वर्ष की आयु में ही उन्होंने घर त्यागकर वैराग्य ले लिया था.
डौंडिया खेड़ा का इतिहास
बताया जाता है कि डौंडिया खेड़ा के आखिरी राजा रहे राव रामबख्श ने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इस विद्रोह में अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था. साथ ही किले को भी अंग्रेजों ने तहस-नहस कर दिया. गंगा के किनारे बना यह किला देखरेख के अभाव में अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. इस किले का क्षेत्रफल लगफग दो लाख वर्गफीट बताया जाता है.
![who was shobhan sarkar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7181535_onethousandtongolddream-3.jpg)
पढ़ें-कोरोना का प्रभाव, भविष्य में तेजी से बदल सकती है दुनिया