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महानगर निगम आयुक्त प्रकाश ने बताया चेन्नई में कब लौटेगी सामान्य स्थिति? - चेन्नई महानगर निगम आयुक्त प्रकाश

चेन्नई महानगर निगम आयुक्त प्रकाश ने कहा कि चेन्नई शहर में कोरोना महामारी से निबटने के लिए कई अलग-अलग उपाय किए गए हैं. इन उपायों के परिणामस्वरूप चेन्नई में कोरोना संक्रमित मामलों काफी गिरावट आई है.

निगम आयुक्त प्रकाश
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Published : Jul 22, 2020, 7:01 AM IST

चेन्नई: तमिलनाडु में जारी कर्फ्यू के बाद भी राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख 70 हजार को पार कर गई है. अकेले चेन्नई में ही सोमवार तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 85,859 हो गई. कोरोना संक्रमण शहरी क्षेत्रों में इस तरह फैल रहा है, जैसे कि जंगल में आग. विशेषकर भीड़ भरे बाजारों, झुग्गी बस्तियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लोग कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए चेन्नई महानगर निगम के आयुक्त प्रकाश ने बताया कि मई की शुरुआत में कोरोना संक्रमण से 3,000 से अधिक प्रभावित हो गए थे, जिसके बाद चेन्नई के मुख्य बाजार को दूसरे हिस्सों में स्थानांतरित किया गया.

वहीं, उत्तरी चेन्नई में कोरोना संक्रमण के तेजी से प्रसार के कारण बूथ बाजार बंद था. मायलापुर बाजार सहित चेन्नई शहर के प्रमुख बाजारों को भी स्थानांतरित कर दिया गया. इस तरह के उपाय किए जाने के बाद भी, कोरोना संक्रमण थिरुवेटियूर, थांडयारपेट और रायपुरम में फैल गया.

स्वास्थ्य और चेन्नई मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र में लोग काफी करीब-करीब रहते हैं.

इसके बाद, चेन्नई के निगम ने जुलाई की शुरुआत में सूक्ष्म रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया. इसके आधार पर, सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में बुखार का पता लगाने वाले केंद्र शुरू किए गए. इसके बाद विशिष्ट बाजारों और क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव किया गया.

इस कारण उत्तरी चेन्नई में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को नियंत्रण में लाया गया. इस बीच, जो लोग बिना फेस मास्क पहने निकले, उन पर भी गंभीर जुर्माना लगाया गया.

साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाली दुकानों को भी सील कर दिया गया. कहा जा सकता है कि नगर निगम और राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इन उपायों के अच्छे परिणाम मिले हैं.

हालांकि, चेन्नई में अभी भी एक हजार से अधिक लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण का पता चला है.

कोरोना वायरस से संक्रमित सभी लोगों को अलग करने के लिए शहर के सभी हिस्सों में हजारों नए पृथक केंद्र बनाए गए. तेजी से किए इन्हीं उपायों का परिणाम है कि चेन्नई में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में गिरावट शुरू हो गई है.

पढ़ें- कोरोना से बचाव : सैंड आर्ट से जागरूक कर रहे सुदर्शन पटनायक, ऐसे पहनें फेस मास्क

इसके अलावा, वर्तमान में हर दिन कम से कम 13,000 लोगों का कोरोना वायरस के लिए परीक्षण किया जा रहा है. चेन्नई शहर में सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं जैसे कि सीवर की सफाई और पीने के पानी की जरूरतों को तुरंत लागू किया गया.

चेन्नई महानगर निगम के आयुक्त प्रकाश ने कहा कि हालांकि, वर्तमान में चेन्नई में कोरोना महामारी कम हो रही है, लेकिन हमें यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका प्रभाव अन्य जिलों में बढ़ रहा है.

यह पूछे जाने पर कि चेन्नई में महामारी के थमने पर शहर को सामान्य स्थिति में आने में कितना समय लगेगा, चेन्नई महानगर निगम आयुक्त प्रकाश ने कहा, 'चेन्नई शहर में कोरोना महामारी के पूर्ण उन्मूलन के लिए हमेशा जनता का समर्थन होना चाहिए. महत्वपूर्ण यह है कि हम मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं का भी पालन करना जारी रखते हैं.'

चेन्नई: तमिलनाडु में जारी कर्फ्यू के बाद भी राज्य में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख 70 हजार को पार कर गई है. अकेले चेन्नई में ही सोमवार तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 85,859 हो गई. कोरोना संक्रमण शहरी क्षेत्रों में इस तरह फैल रहा है, जैसे कि जंगल में आग. विशेषकर भीड़ भरे बाजारों, झुग्गी बस्तियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लोग कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए चेन्नई महानगर निगम के आयुक्त प्रकाश ने बताया कि मई की शुरुआत में कोरोना संक्रमण से 3,000 से अधिक प्रभावित हो गए थे, जिसके बाद चेन्नई के मुख्य बाजार को दूसरे हिस्सों में स्थानांतरित किया गया.

वहीं, उत्तरी चेन्नई में कोरोना संक्रमण के तेजी से प्रसार के कारण बूथ बाजार बंद था. मायलापुर बाजार सहित चेन्नई शहर के प्रमुख बाजारों को भी स्थानांतरित कर दिया गया. इस तरह के उपाय किए जाने के बाद भी, कोरोना संक्रमण थिरुवेटियूर, थांडयारपेट और रायपुरम में फैल गया.

स्वास्थ्य और चेन्नई मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र में लोग काफी करीब-करीब रहते हैं.

इसके बाद, चेन्नई के निगम ने जुलाई की शुरुआत में सूक्ष्म रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया. इसके आधार पर, सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में बुखार का पता लगाने वाले केंद्र शुरू किए गए. इसके बाद विशिष्ट बाजारों और क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव किया गया.

इस कारण उत्तरी चेन्नई में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को नियंत्रण में लाया गया. इस बीच, जो लोग बिना फेस मास्क पहने निकले, उन पर भी गंभीर जुर्माना लगाया गया.

साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाली दुकानों को भी सील कर दिया गया. कहा जा सकता है कि नगर निगम और राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इन उपायों के अच्छे परिणाम मिले हैं.

हालांकि, चेन्नई में अभी भी एक हजार से अधिक लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण का पता चला है.

कोरोना वायरस से संक्रमित सभी लोगों को अलग करने के लिए शहर के सभी हिस्सों में हजारों नए पृथक केंद्र बनाए गए. तेजी से किए इन्हीं उपायों का परिणाम है कि चेन्नई में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में गिरावट शुरू हो गई है.

पढ़ें- कोरोना से बचाव : सैंड आर्ट से जागरूक कर रहे सुदर्शन पटनायक, ऐसे पहनें फेस मास्क

इसके अलावा, वर्तमान में हर दिन कम से कम 13,000 लोगों का कोरोना वायरस के लिए परीक्षण किया जा रहा है. चेन्नई शहर में सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं जैसे कि सीवर की सफाई और पीने के पानी की जरूरतों को तुरंत लागू किया गया.

चेन्नई महानगर निगम के आयुक्त प्रकाश ने कहा कि हालांकि, वर्तमान में चेन्नई में कोरोना महामारी कम हो रही है, लेकिन हमें यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका प्रभाव अन्य जिलों में बढ़ रहा है.

यह पूछे जाने पर कि चेन्नई में महामारी के थमने पर शहर को सामान्य स्थिति में आने में कितना समय लगेगा, चेन्नई महानगर निगम आयुक्त प्रकाश ने कहा, 'चेन्नई शहर में कोरोना महामारी के पूर्ण उन्मूलन के लिए हमेशा जनता का समर्थन होना चाहिए. महत्वपूर्ण यह है कि हम मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं का भी पालन करना जारी रखते हैं.'

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