हैदराबाद:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा किकांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया जब सपा-बसपा ने उसे सिर्फ दो सीटों की पेशकश की. चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं.
मोइली ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिये हम इसे स्वीकार (दो सीटों की पेशकश को) नहीं कर सकते. इसलिये हम उम्मीदवार उतार रहे हैं.’’
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीदवार उतारने के दौरान गठबंधन के बिना भी सीटों का तालमेल हो सकता है. आप उस रुझान को देखेंगे. भाजपा को हराने में हमारे साथ-साथ उनकी भी दिलचस्पी है. तालमेल हो सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि हमारे (सपा-बसपा-रालोद) ‘गठबंधन’ के लोग हारें. कांग्रेस, बसपा और सपा के बीच उस तरह का तालमेल होगा.’’
यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में जहां उनकी पार्टी मजबूत नहीं है, वहां क्या कांग्रेस सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का समर्थन करेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, चुनाव के दौरान यह तालमेल होगा.’’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल में कहा था कि कांग्रेस सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का हिस्सा है और दो सीट उसके लिये छोड़ी गई हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने 12 मार्च को घोषणा की थी कि उनकी पार्टी किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी.
इस बीच, मोइली ने यह भी दावा किया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने के फैसले पर भी पुनर्विचार चल रहा है.
कांग्रेस नेता ने इन बातों को खारिज कर दिया कि भाजपा नीत राजग से मुकाबला करने के लिये विपक्ष की एकता वांछित स्तर पर नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि केरल जैसे राज्यों में चुनाव पूर्व गठबंधन संभव नहीं है.
मोइली ने कहा, ‘‘हम केरल में वाम दलों के खिलाफ लड़ रहे हैं--चुनाव पूर्व एकता वहां संभव नहीं है. हम वामपंथियों के साथ पश्चिम बंगाल में साथ रहेंगे क्योंकि वहां का चुनाव पूर्व का परिदृश्य अलग है.’’
मोइली ने कहा, ‘‘सभी विपक्षी पार्टियां साझा दुश्मन-भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं.’’
उन्होंने कांग्रेस महासचिव बनने के बाद अहमदाबाद में प्रियंका गांधी वाड्रा के पहले सार्वजनिक भाषण को ‘शानदार’ करार दिया.