कोलकाता: भारी बारिश के कारण रविवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कई स्थानों पर जल-जमाव हो गया. सड़कों पर जलभराव के कारण वाहनों का आवागमन बाधित हो गया. पैदल चलने वाले यात्रियों को भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा.
एक स्थानीय निवासी नौशाद अहमद ने बताया, 'तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है और पूरा शहर डूब रहा है. सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. पानी संक्रमण पैदा कर रहा है और यह हमारे दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर रहा है.'
एक अन्य स्थानीय निवासी संदीप कुमार शाह ने कहा, 'बारिश ने सड़कों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. क्षतिग्रस्त सड़कों पर चलना अपनी जान को जोखिम में डालने जैसा है.'
उन्होंने आगे कहा कि बच्चे स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं और घरों की बिजली भी चली गई है, जिससे दैनिक जीवन में हमें काफी दिक्कत हो रही है.
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कोलकाता में, आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और अगले एक सप्ताह तक बारिश होती रहेगी
गौरतलब है कि विगत दो दिनों से कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, बर्द्धमान व नदिया जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश के बीच राज्य सरकार ने सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है. लोगों की समस्याएं जानने व उनके समाधान के लिए राज्य सचिवालय नवान्न स्थित आपदा प्रबंधन विभाग में कंट्रोल रूम खोला गया है. राज्य भर के लोग वहां बारिश और बाढ़ जैसी परिस्थिति की वजह से होने वाली परेशानी के बारे में जानकारी दे सकेंगे.
सूचना मिलने के तुरंत बाद राज्य सचिवालय से संबंधित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और आपदा प्रबंधन की टीम को जानकारी भेजी जाएगी ताकि मुसीबत में फंसे लोगों को मदद मुहैया कराई जा सके. इसके अलावा राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन टीम और जिला प्रशासन को समन्वय कर भारी बारिश वाले क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए तत्पर रहने को कहा है.
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राज्य सरकार के अधिकारियों ने मौसम विभाग के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की है. विभाग की ओर से बताया गया है कि अभी कम से कम और 24 घंटे तक राजधानी कोलकाता और उपनगरीय क्षेत्रों में बारिश होगी.
इसके अलावा कूचबिहार, बांकुड़ा, पुरुलिया, अलीपुरदुआर, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी के विस्तृत इलाकों में भी भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है. वहीं हुगली, मेदिनीपुर और पुरुलिया के कुछ क्षेत्र बाढ़ की चपेट में बताए जा रहे हैं. सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में शिविर लगाए गए हैं, जहां बाढ़ पीड़ितों के रहने, खाने-पीने, चिकित्सा आदि की व्यवस्था की गई है.