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सतत और समग्र विकास के लिए नदी बिजली परियोजना जरुरी- जल संसाधन सचिव - जल संसाधन सचिव ने स्वच्छ गंगा मिशन पर बोला

अलकनंदा नदी बिजली समेत कई परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. इसका कारण भारत में बिजली परियोजनाओं से सटे कई क्षेत्र पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं. इस मसले पर केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह ने बोला कि सतत और समग्र विकास के लिए नदी बिजली परियोजनाओं पर जोर देना होगा. इसके साथ सिंह ने कहा कि सरकार अपनी भूमिका निभा रही है, 'लेकिन गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों की जागरूकता और भागीदारी भी आवश्यक है.' जानें विस्तार से...

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सांकेतिक चित्र
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Published : Jan 4, 2020, 12:11 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह ने शुक्रवार को पारिस्थितिकी तंत्र (ईको सिस्टम) के सतत और समग्र विकास के लिए नदी बिजली परियोजनाओं को चलाने पर जोर दिया.

सिंह ने भारत में कई विद्युत परियोजना के ईको सिस्टम में बाधा उत्पन्न होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा, 'विद्युत परियोजना आवश्यक है लेकिन परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्रों का सतत विकास होना चाहिए.'

दरअसल सिंह द्वारा दिए गए बयान का महत्व है क्योंकि भारत में बिजली परियोजनाओं से सटे कई क्षेत्र पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं.

जल संसाधन सचिव ने अलकनंदा नदी बिजली परियोजनाओं का भी जिक्र किया. वास्तव में, अलकनंदा नदी पर पनबिजली परियोजनाओं ने कई गांवों में पानी की कमी पैदा कर दी है, क्योंकि जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बांधों के निर्माण ने नदी को सूखा दिया है.

केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह का बयान

उल्लेखनीय है कि असम-अरुणाचल प्रदेश की सीमा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (NHPC) की 2000 मेगावाट की लोअर पर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना पिछले कई वर्षों से कई संगठनों द्वारा बांध निर्माण के विरोध के कारण अटकी हुई है.

इसे भी पढ़ें- सावधान! साउथ दिल्ली के इन इलाकों में 2 दिन रहेगी पानी की किल्लत

केंद्रीय जल संसाधन सचिव स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक कार्यक्रम में उक्त बातें कर रहे थे.

स्वच्छ गंगा मिशन का उल्लेख करते हुए, सिंह ने कहा कि सरकार अपनी भूमिका निभा रही है, 'लेकिन गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों की जागरूकता और भागीदारी भी आवश्यक है.'

उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, 'लेकिन हमें ऐसा करने के लिए लोगों की जागरूकता की आवश्यकता है.'
प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. सुदीप्त सेन ने भी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों की जागरूकता पर जोर दिया. सेन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से संबद्ध शिक्षाविद हैं.

सेन ने राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छ गंगा मिशन की शुरुआत करने वाले लोगों से बात करते हुए कहा, 'इसे (गंगा को स्वच्छ बनाने) के लिए दो ठोस रणनीति की जरूरत है. सरकार है लेकिन लोगों को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए.

नई दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह ने शुक्रवार को पारिस्थितिकी तंत्र (ईको सिस्टम) के सतत और समग्र विकास के लिए नदी बिजली परियोजनाओं को चलाने पर जोर दिया.

सिंह ने भारत में कई विद्युत परियोजना के ईको सिस्टम में बाधा उत्पन्न होने की आशंका व्यक्त करते हुए कहा, 'विद्युत परियोजना आवश्यक है लेकिन परियोजनाओं के आसपास के क्षेत्रों का सतत विकास होना चाहिए.'

दरअसल सिंह द्वारा दिए गए बयान का महत्व है क्योंकि भारत में बिजली परियोजनाओं से सटे कई क्षेत्र पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं.

जल संसाधन सचिव ने अलकनंदा नदी बिजली परियोजनाओं का भी जिक्र किया. वास्तव में, अलकनंदा नदी पर पनबिजली परियोजनाओं ने कई गांवों में पानी की कमी पैदा कर दी है, क्योंकि जलविद्युत परियोजनाओं के लिए बांधों के निर्माण ने नदी को सूखा दिया है.

केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह का बयान

उल्लेखनीय है कि असम-अरुणाचल प्रदेश की सीमा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (NHPC) की 2000 मेगावाट की लोअर पर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना पिछले कई वर्षों से कई संगठनों द्वारा बांध निर्माण के विरोध के कारण अटकी हुई है.

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केंद्रीय जल संसाधन सचिव स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक कार्यक्रम में उक्त बातें कर रहे थे.

स्वच्छ गंगा मिशन का उल्लेख करते हुए, सिंह ने कहा कि सरकार अपनी भूमिका निभा रही है, 'लेकिन गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों की जागरूकता और भागीदारी भी आवश्यक है.'

उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, 'लेकिन हमें ऐसा करने के लिए लोगों की जागरूकता की आवश्यकता है.'
प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. सुदीप्त सेन ने भी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों की जागरूकता पर जोर दिया. सेन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से संबद्ध शिक्षाविद हैं.

सेन ने राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छ गंगा मिशन की शुरुआत करने वाले लोगों से बात करते हुए कहा, 'इसे (गंगा को स्वच्छ बनाने) के लिए दो ठोस रणनीति की जरूरत है. सरकार है लेकिन लोगों को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए.

Intro:New Delhi: Union water resource secretary UP Singh on Friday emphasised on run of the river power projects for a sustainable overall development of the eco system.


Body:Expressing apprehension that many of the power projects in India hamper the eco system, Singh said, "Power project is necessary but there should be sustainable development of the surrounding areas of the projects."

The statement given by Singh assumes significance as many areas adjacent to power projects in India have been suffering due to water shortage.

The water resources secretary also referred to the Alaknanda river power projects. In fact, the hydro power projects over Alaknanda river have caused water shortage in many villages as the construction of dams for hydropower projects have sucked the river dry.

Interestingly, 2000 MW Lower Subansiri Hydropower project of National Hydro Power Corporation (NHPC) along the Assam-Arunachal Pradesh border has been stucked for last several years after several organisation opposed the construction of the dam.

The union water resources secretary was talking at a programme commemorating the Clean Ganga Mission.

Referring to the Clean Ganga Mission, Singh said that the government is playing its role, "but peoples awareness and participation is also necessary to make Ganga clean."

He said that Rs 7,000 crore has been sanctioned for making Ganga clean,"but we need peoples awareness to make it happen."



Conclusion:Renowned historian Dr Sudipta Sen also emphasised on people's awareness to make Ganga Clean. Sen is an academician associated with the University of California.

"It (making Ganga clean) needs two pronged strategy. Government is there but people should also come forward in their direction," said Sen who was talking to a gathering commemorating the Clean Ganga Mission in the national capital.

end.
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