जमुई: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और सिने अभिनेता ऋषि कपूर पर परिवाद संख्या 1554 सी में वारंट जारी किया है. जमुई के प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडे ने एक अधिवक्ता द्वारा दर्ज कराए गए 'राष्ट्रद्रोह' के मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्लाह और सिने अभिनेता ऋषि कपूर पर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है.
क्या था मामला
अधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा उक्त दोनों पर दिनांक 11/11/2017 को आईपीसी की धारा 124ए, 153बी , 121ए , 34 भा द वि के तहत परिवाद दायर किया गया था. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जब वह कार्यालय में काम कर रहे थे तो टीवी पर प्रसारण में देखा की जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे थे कि कश्मीर किसी के बाप की जागीर नहीं. पाक अधिकृत कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा रहेगा. इसके अलावा भी उन्होंने भारतीय संविधान और उसकी एकता-अखंडता को प्रभावित करने वाली कई बातें कही.
सिने अभिनेता ने बयान का किया था समर्थन
उनके इस बयान से दुखी अधिवक्ता ने देखा कि सिने अभिनेता ऋषि कपूर ने अपने ट्विटर हैंडल से फारूख अब्दुल्ला के विवादित बयान का समर्थन किया. इससे उनकी और भारत के तमाम लोगों की भावनाएं आहत हुई. देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने की कोशिश से दुखी होकर उन्होंने यह परिवाद दायर किया था.
न्यायालय ने जारी किया समन
इस परिवाद पत्र में जांच के दौरान कई अधिवक्ता की गवाही ली गई. जिसके बाद विभिन्न धाराओं में संज्ञान के उपरांत न्यायालय ने समन जारी कर दोनों को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया था. जब उक्त दोनों कई तिथि गुजर जाने के बाद भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए तो उनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया गया है.