अमरावती: लोकसभा चुनाव-2019 के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी बीच आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में वीवीपैट पर्चियां बरामद की गई हैं. घटना एक सरकारी स्कूल परिसर की है.
घटना की शुरुआती जानकारी के मुताबिक नेल्लोर के अथमकुर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने ईटीवी भारत के संवाददाता को पर्चियां दीं.
संवाददाता ने पर्चियों को जिलाधिकारी को सौंप दिया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर RDO ने स्कूल का दौरा किया. RDO कार्यालय के अधिकारियों ने भी वीवीपैट पर्चियां बरामद कीं.
स्कूल में वीवीपैट पर्चियों के बरामद होने पर जिलाधिकारी ने 'रैंडमाइजेशन' के बाद छोड़े जाने की संभावना जताई है.
बता दें कि चुनाव आयोग के समक्ष निष्पक्ष चुनाव एक बड़ी चुनौती है. इस दिशा में आयोग हर संभव कदम भी उठाने का बात कहता रहा है. हालांकि, ईटीवी भारत के संवाददाता को मिली वीवीपैट पर्चियों से गंभीर सवाल खड़े होते हैं
खबर लिखे जाने तक इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है.
जानें क्या है 'रैंडमाइजेशन' की प्रक्रिया
चुनावों में ईवीएम के प्रयोग से पहले चुनाव आयोग रैंडमाइजेशन की प्रक्रिया दो चरणों में करती है. इसका मकसद, कौन से मतदान केंद्र पर कौन सा ईवीएम प्रयोग किया जाएगा, इसे गोपनीय रखना होता है.
पहले चरण में एक संसदीय सीट के लिए प्रयोग किए जाने वाले ईवीएम का 'बिना क्रम के' (random) चयन किया जाता है. ये एक कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया के तहत किया जाता है.
दूसरे चरण के रैंडमाइजेशन के तहत रिटर्निंग ऑफिसर मतदान केंद्र पर ईवीएम का चयन करता है.