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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन असंवैधानिक और गैरकानूनी : वृंदा करात - पूर्व सांसद वृंदा करात

महाराष्ट्र में राजनीतित उठापटक के बीच मंगलवार की शाम लगाये गये राष्ट्रपति शासन के बाद कम्युनिस्ट नेता वृंदा करात ने भाजपा पर हमला किया. उन्होंने कहा कि असंवैधानिक और गैरकानूनी तरीके से भाजपा ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगवाया.

वृंदा करात
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Published : Nov 12, 2019, 8:01 PM IST

रांची : सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के बाद बीजेपी पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है, वह निश्चित रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. उनका कहना था कि एनसीपी का घोषित समय पूरा होने से पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी, जो असंवैधानिक है.

वृंदा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यूनियन कैबिनेट की सिफारिश करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मालूम है कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती. इसीलिए उसने सत्ता का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र की जनता के जनवादी अधिकारों के ऊपर और देश के संविधान और संसदीय प्रणाली पर एक जबरदस्त हमला किया है.

पूर्व सांसद वृंदा करात का बयान.

एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान
महाराष्ट्र में मतगणना के बाद सरकार बनाने को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार खींचातान का दौर चल रहा था. जिसे लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से सहमति बनने को लेकर अंदेशा जताए जा रहे थे, लेकिन शिवसेना के लगातार विरोध किए जाने की वजह से भाजपा ने शिवसेना के सामने घुटने टेक दिये और राज्यपाल के सामने सरकार बनाने को लेकर हाथ खड़े कर दिये.

वहीं दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया गया. शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से 2 दिनों से ज्यादा समय की मांग की. जिसे राज्यपाल ने ठुकरा दिया. कोश्यारी ने इसके बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को बुलाया और सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मंगलवार रात्रि 8.30 बजे तक का समय दिया। लेकिन उक्त अवधि बीतने के पहले ही राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले को दी चुनौती
वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के बाद शिवसेना ने अपनी नाराजगी जताते हुए राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. वहीं सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने भी भाजपा पर हमला किया है.

रांची : सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के बाद बीजेपी पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है, वह निश्चित रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. उनका कहना था कि एनसीपी का घोषित समय पूरा होने से पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी, जो असंवैधानिक है.

वृंदा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यूनियन कैबिनेट की सिफारिश करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मालूम है कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती. इसीलिए उसने सत्ता का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र की जनता के जनवादी अधिकारों के ऊपर और देश के संविधान और संसदीय प्रणाली पर एक जबरदस्त हमला किया है.

पूर्व सांसद वृंदा करात का बयान.

एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान
महाराष्ट्र में मतगणना के बाद सरकार बनाने को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार खींचातान का दौर चल रहा था. जिसे लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से सहमति बनने को लेकर अंदेशा जताए जा रहे थे, लेकिन शिवसेना के लगातार विरोध किए जाने की वजह से भाजपा ने शिवसेना के सामने घुटने टेक दिये और राज्यपाल के सामने सरकार बनाने को लेकर हाथ खड़े कर दिये.

वहीं दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया गया. शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से 2 दिनों से ज्यादा समय की मांग की. जिसे राज्यपाल ने ठुकरा दिया. कोश्यारी ने इसके बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को बुलाया और सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मंगलवार रात्रि 8.30 बजे तक का समय दिया। लेकिन उक्त अवधि बीतने के पहले ही राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले को दी चुनौती
वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के बाद शिवसेना ने अपनी नाराजगी जताते हुए राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. वहीं सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने भी भाजपा पर हमला किया है.

Intro:सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद वृंदा करात ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जिस प्रकार से राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है यह निश्चित रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है क्योंकि एनसीपी का घोषित समय पूरा होने से पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी जो असंवैधानिक है ।

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यूनियन कैबिनेट की सिफारिश करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को मालूम है कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती इसीलिए उन्होंने अपने सत्ता का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र की जनता के जनवादी अधिकारों के ऊपर एवं देश के संविधान और संसदीय प्रणाली पर एक जबरदस्त हमला किया है।


Body:महाराष्ट्र में मतगणना के बाद सरकार बनाने को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार खींचातानी का दौर चल रहा था, जिसको लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से सहमति बनने को लेकर अंदेशा जताये जा रहे थे, लेकिन शिवसेना द्वारा लगातार विरोध किए जाने के वजह से भाजपा ने शिवसेना के सामने घुटने टेक दिये और राज्यपाल के सामने सरकार बना पाने में भी हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया गया,जहां शिवसेना ने राज्यपाल से 2 दिन ज्यादा का समय की मांग की जिस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना की मांग को इंकार करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी।


Conclusion:वहीं आपको बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के बाद शिवसेना ने अपनी नाराजगी जताते हुए राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है।

वहीं इसको लेकर सीपीआईएम के वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व सांसद वृंदा करात ने भी भाजपा पर हमला किया है।

बाइट- वृंदा करात,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व सांसद।
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