रांची : सीपीआईएम की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के बाद बीजेपी पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है, वह निश्चित रूप से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. उनका कहना था कि एनसीपी का घोषित समय पूरा होने से पहले ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी, जो असंवैधानिक है.
वृंदा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यूनियन कैबिनेट की सिफारिश करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मालूम है कि वह महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती. इसीलिए उसने सत्ता का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र की जनता के जनवादी अधिकारों के ऊपर और देश के संविधान और संसदीय प्रणाली पर एक जबरदस्त हमला किया है.
एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान
महाराष्ट्र में मतगणना के बाद सरकार बनाने को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार खींचातान का दौर चल रहा था. जिसे लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से सहमति बनने को लेकर अंदेशा जताए जा रहे थे, लेकिन शिवसेना के लगातार विरोध किए जाने की वजह से भाजपा ने शिवसेना के सामने घुटने टेक दिये और राज्यपाल के सामने सरकार बनाने को लेकर हाथ खड़े कर दिये.
वहीं दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया गया. शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से 2 दिनों से ज्यादा समय की मांग की. जिसे राज्यपाल ने ठुकरा दिया. कोश्यारी ने इसके बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को बुलाया और सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए मंगलवार रात्रि 8.30 बजे तक का समय दिया। लेकिन उक्त अवधि बीतने के पहले ही राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी.
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शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले को दी चुनौती
वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के बाद शिवसेना ने अपनी नाराजगी जताते हुए राज्यपाल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. वहीं सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद वृंदा करात ने भी भाजपा पर हमला किया है.