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उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण विकास के अवसर प्रदान करते हैं : उपराष्ट्रपति - चौथी औद्योगिक क्रांति

दत्तोपंत ठेंगड़ी के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर वेंकेया नायडू और दत्तात्रेय होसबले ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की. वेंकेया नायडू ने सभा को संबोधित भी किया. जानें संबोधन के दौरान उन्होंने क्या कुछ कहा...

दत्तोपंत ठेंगड़ी जनशताब्दी समारोह
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Published : Nov 13, 2019, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी प्रदान करते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर उन्होंने कहा, 'हम कारोबार सुगमता की वैश्विक रैकिंग पर लगातार चढ़ते जा रहे हैं. हम अर्थव्यवस्था में रचनात्मक व्यवधान देख रहे हैं. अर्थव्यवस्था पर उनका प्रतिकूल प्रभाव क्षणिक ही होगा और अर्थव्यवस्था फिर से उच्च वृद्धिदर के मार्ग पर लौट आएगा.'

ठेंगड़ी ने अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल की वकालत की थी और भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच और संघ के कई अन्य संगठनों की स्थापना की थी.

कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

नायडू ने एक नयी शब्दावली एलपीजी गढी जिसमें एल यानी लिबराइजेश (उदारीकरण), पी यानी प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) और जी यानी ग्लोबलाइजेशन (वैश्वीकरण) है. उन्होंने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी देते हैं.

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ कदमताल करते हुए भारत भी बदल रहा है.

पढ़ें : सभी राज्यों में निवेश आकर्षित करने की होड़: मोदी

उपराष्ट्रपति ने कहा, 'पारदर्शी, टिकाऊ, कुशल और उच्च वृद्धि वाली समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए नयी विधायी ढांचा तैयार किया जा रहा है. हमारी अर्थव्यवस्था में नये स्टार्टअप क्षेत्र उभर रहा है. भारत स्टार्टअप में स्टार्ट की तीसरी बड़ी संख्या है.'

ठेंगड़ी को सच्चे प्रेरणादायी व्यक्ति और कर्मयोगी करार देते हुए नायडू ने कहा, 'मैं उन्हें इतनी गहराई से जानने का सौभाग्यशाली रहा हूं. मैं आशा करता हूं कि युवा पीढ़ी इन महान नेता के जीवन और कृत्य से प्रेरणा लेगी और स्वयं को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित करेगी.'

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी प्रदान करते हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी के शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर उन्होंने कहा, 'हम कारोबार सुगमता की वैश्विक रैकिंग पर लगातार चढ़ते जा रहे हैं. हम अर्थव्यवस्था में रचनात्मक व्यवधान देख रहे हैं. अर्थव्यवस्था पर उनका प्रतिकूल प्रभाव क्षणिक ही होगा और अर्थव्यवस्था फिर से उच्च वृद्धिदर के मार्ग पर लौट आएगा.'

ठेंगड़ी ने अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल की वकालत की थी और भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच और संघ के कई अन्य संगठनों की स्थापना की थी.

कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

नायडू ने एक नयी शब्दावली एलपीजी गढी जिसमें एल यानी लिबराइजेश (उदारीकरण), पी यानी प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) और जी यानी ग्लोबलाइजेशन (वैश्वीकरण) है. उन्होंने कहा कि उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण भले ही चुनौतियां पेश करते हैं लेकिन वे देश के विकास का अवसर भी देते हैं.

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ कदमताल करते हुए भारत भी बदल रहा है.

पढ़ें : सभी राज्यों में निवेश आकर्षित करने की होड़: मोदी

उपराष्ट्रपति ने कहा, 'पारदर्शी, टिकाऊ, कुशल और उच्च वृद्धि वाली समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए नयी विधायी ढांचा तैयार किया जा रहा है. हमारी अर्थव्यवस्था में नये स्टार्टअप क्षेत्र उभर रहा है. भारत स्टार्टअप में स्टार्ट की तीसरी बड़ी संख्या है.'

ठेंगड़ी को सच्चे प्रेरणादायी व्यक्ति और कर्मयोगी करार देते हुए नायडू ने कहा, 'मैं उन्हें इतनी गहराई से जानने का सौभाग्यशाली रहा हूं. मैं आशा करता हूं कि युवा पीढ़ी इन महान नेता के जीवन और कृत्य से प्रेरणा लेगी और स्वयं को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित करेगी.'

Intro:The founder of Bhartiya Kisan Sangh and Majdoor Sangh, both the affiliate organisations of RSS and a lifetime Pracharak, Dattopant Thengri's 100th birth anniversary is being observed this month all over the country.
As a part of the series, an event was organised by Dattopant Thengri Birth Centenary celebration committee also organised an event in the national capital.
The vice president of India, M. Vainkaiah Naidu and Sah Sarkaryawah of RSS, Dattatreya Hosable were present on the occasion as chief guest. Addressing the gathering, vice president said that it is important to increase the purchasing power of farmers and labourers to give a further fillip to the inclusive development.


Body:Emphasising on the equal distribution of resources, Vainkaiah Naidu said that it is important to respect wealth creators which includes both labourer as well as investors.
Talking of fourth industrial revolution, the vice president called upon the trade unions to prepare the workers and farmers for this new challange.
"Institutions like Bharatiya Majdoor Sangh and Bhartiya Kisan Sangh should spread awareness about various government programs and should train the workers and farmers in new technologies" he said.



Conclusion:
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