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न्याय तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए : उपराष्ट्रपति

हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार-हत्या की घटना पर प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की टिप्पणी के एक दिन बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि न्याय तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए.

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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
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Published : Dec 9, 2019, 12:23 AM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि न्याय तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे.

हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार-हत्या की घटना और इसके चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की टिप्पणी के एक दिन बाद उपराष्ट्रपति ने यह बात कही है.

सीजेआई ने कहा था कि न्याय कभी तुरंत नहीं हो सकता. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि फौजदारी न्याय प्रणाली को मामलों के निपटारे में लगने वाले समय के प्रति अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए.

पढ़ें- साध्वी प्राची के विवादित बोल - नक्सलवाद, आतंकवाद और बलात्कार नेहरू खानदान की देन

उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र के स्तंभों पर वीरेंद्र भाटिया स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा, 'न्याय तुरंत नहीं हो सकता लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए। अन्यथा लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे.'

नायडू ने न्याय प्रणाली को लोगों के लिए और अधिक सहज बनाने के लिए अदालती कार्यवाही स्थानीय भाषाओं में करने की अपील की, ताकि लोग इसे समझ सकें.

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ खास मामलों, जैसे कि चुनाव याचिकाओं और मौजूदा सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में समयबद्ध तरीके से फैसला दिए जाने की जरूरत है.

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि न्याय तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे.

हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार-हत्या की घटना और इसके चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की टिप्पणी के एक दिन बाद उपराष्ट्रपति ने यह बात कही है.

सीजेआई ने कहा था कि न्याय कभी तुरंत नहीं हो सकता. उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि फौजदारी न्याय प्रणाली को मामलों के निपटारे में लगने वाले समय के प्रति अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए.

पढ़ें- साध्वी प्राची के विवादित बोल - नक्सलवाद, आतंकवाद और बलात्कार नेहरू खानदान की देन

उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र के स्तंभों पर वीरेंद्र भाटिया स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा, 'न्याय तुरंत नहीं हो सकता लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए। अन्यथा लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे.'

नायडू ने न्याय प्रणाली को लोगों के लिए और अधिक सहज बनाने के लिए अदालती कार्यवाही स्थानीय भाषाओं में करने की अपील की, ताकि लोग इसे समझ सकें.

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ खास मामलों, जैसे कि चुनाव याचिकाओं और मौजूदा सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में समयबद्ध तरीके से फैसला दिए जाने की जरूरत है.

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New laws not the only solution to curb crime against women: VP Naidu
(Eds: Adds quotes)
         Pune, Dec 8 (PTI) Vice President M Venkaiah Naidu on Sunday said bringing laws to curb atrocities against women was not the only solution as "political will" and "administrative skills" were required to end the social evil.
          Referring to recent incidents in Unnao and Hyderabad, Naidu said, "In Indian culture, we treat a woman as a mother, a sister. But what has happened in recent days in certain parts is really shameful and a challenge for all of us. We must vow to ensure this sort of discrimination, these atrocities are stopped immediately."
          A 23-year-old woman from Uttar Pradesh's Unnao district was set afire by five men, including two of her alleged rapists, on Thursday morning when she was going to Rae Bareli to attend a court hearing. She succumbed to burn injuries on Friday night.
          The incident came days after the gang-rape and murder of a young veterinary doctor in Hyderabad that sparked national outrage.
          Addressing the 16th convocation of the Symbiosis International University here, the vice president said bringing new laws was not the solution.
          "We brought a Bill on Nirbhaya. What happened? Was the problem solved? I am not against any bill or new law, but what I always feel is political will and administrative skills to kill the social evil are needed. Change in the mindset is the need of the hour and that we should go back to the roots and culture," he said.
          He added that looking at such incidents from the prism of religion and politics would ensure that the "cause is lost".
          The vice president said such incidents were giving the country a bad name, but cautioned against indulging in politics at the expense of the nation during such times.
          "It is giving India a bad name. Some people are claiming India is becoming capital of so and so. I do not want to get into that... We should not denigrate our country and we should not get into politics in such matters of atrocities," he said.
          Naidu said the need of the hour was for teachers to inculcate right values among students and show them the right path. PTI SPK NP BNM
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