नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने मोदी सरकार से मांग की है कि वह 'लव जिहाद' के खिलाफ कड़े कानून बनाएं. विहिप ने 170 मामलों की एक सूची भी जारी की है जो, लव जिहाद के मामले बताए जाते हैं.
शुक्रवार को विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने जारी बयान में कहा कि लव जिहाद से पीड़ित लड़कियों की आत्महत्या, हत्या और उनकी प्रताड़ना के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं. पिछले दस दिनों के भीतर ही लखनऊ से महिला द्वारा आत्मदाह और सोनभद्र में महिला की सिर कटी लाश मिलने जैसे दिल दहलाने वाली घटना सामने आई हैं.
विहिप इस तरह की घटनाओं के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र देखती है, जिसमें योजनाबद्ध तरीके से समुदाय विशेष के युवक हिन्दू युवतियों को धोखे से प्रेम जाल में फांसते हैं. सुरेंद्र जैन ने इसे एक तरह का आतंकवाद बताया और कहा है कि केरल के उच्च न्यायालय ने भी इसे धर्मांतरण का सबसे घिनौना तरीका बताते हुए 'लव-जिहाद' का नाम दिया था.
विहिप ने पिछले एक दशक में सामने आए ऐसे 170 मामलों की एक सूची भी जारी की है, जो देश के अलग अलग हिस्सों से हैं. एक अनुमान के अनुसार प्रत्येक वर्ष 20 हजार से ज्यादा गैर मुस्लिम युवतियां इसका शिकार हो जाती हैं. विहिप ने पीएफआई, सीमी और आईएसआई जैसे संगठनों द्वारा लव जिहाद के लिये फंडिंग की बात भी कही है.
समय समय पर कई राज्य सरकारें भी इस तरह के मामलों पर चिंता व्यक्त करते रहे हैं. विहिप ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की है कि वह 'लव-जिहाद' को गंभीरता से लेते हुए इसे रोकने के लिये सख्त कानून बनाएं. साथ ही समाज से अपील की है कि वह इस तरह के षड्यंत्र से सावधान रहें. विहिप ने चेताया है कि लगातार बढ़ते मामलों से हिन्दू समाज में आक्रोश है और सरकार को जल्द से जल्द लव जिहाद को रोकने के लिये कदम उठाने चाहिए.