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विकास एनकाउंटर केस : केएल गुप्ता को जांच समिति से हटाने की मांग - विकास दुबे एनकाउंटर

उच्चतम न्यायालय ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन को मंजूरी दे दी. विकास दुबे एनकाउंटर के लिए गठित न्यायिक जांच कमेटी पर अब आपत्ति उठाई गई है. सुप्रीम कोर्ट में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता की बजाय उत्तर प्रदेश के किसी अन्य पूर्व डीजीपी को आयोग के सदस्य के रूप में मनोनीत करने की मांग उठ रही है.

vikas dubey encounter
विकास दुबे एनकाउंटर केस
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Published : Jul 24, 2020, 1:43 PM IST

नई दिल्ली : विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे एडवोकेट अनूप प्रकाश अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक जांच कराने और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को जांच समिति से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की है. उनका कहना है कि डीजीपी रहे केएल गुप्ता से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है और उनका अब तक का रवैया पक्षपाती रहा है.

बता दें कि 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग के पुनर्गठन पर यूपी सरकार के सुझावों को मंजूरी दे दी थी. इस समिति में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को भी शामिल किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एडवोकेट अनूप प्रकाश अवस्थी ने कहा कि पूरी जांच के पहले ही डीजीपी गुप्ता का कहना है कि पुलिस के बयानों को बिना किसी संदेह के स्वीकार किया जाना चाहिए, क्योंकि मुठभेड़ की नहीं जाती है, हो जाती है.

विकास दुबे के एनकाउंटर और पुलिस का बचाव करते हुए गुप्ता ने कहा कि दुबे ने न्यायिक हिरासत में मारे जाने के डर से भागने का मन बनाया और जैसे ही उसने भागने का प्रयास किया वाहन पलट गया.

पढ़ें :- विकास दुबे एनकाउंटर केस : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में बनी समिति

उन्होंने गुप्ता को जांच समिति से हटाकर आईसी द्विवेदी, जावेद अहमद, प्रकाश सिंह और अन्य पूर्व डीजीपी को समिति में शामिल करने का सुझाव दिया है.

नई दिल्ली : विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे एडवोकेट अनूप प्रकाश अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक जांच कराने और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को जांच समिति से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की है. उनका कहना है कि डीजीपी रहे केएल गुप्ता से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है और उनका अब तक का रवैया पक्षपाती रहा है.

बता दें कि 22 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में जांच आयोग के पुनर्गठन पर यूपी सरकार के सुझावों को मंजूरी दे दी थी. इस समिति में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को भी शामिल किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एडवोकेट अनूप प्रकाश अवस्थी ने कहा कि पूरी जांच के पहले ही डीजीपी गुप्ता का कहना है कि पुलिस के बयानों को बिना किसी संदेह के स्वीकार किया जाना चाहिए, क्योंकि मुठभेड़ की नहीं जाती है, हो जाती है.

विकास दुबे के एनकाउंटर और पुलिस का बचाव करते हुए गुप्ता ने कहा कि दुबे ने न्यायिक हिरासत में मारे जाने के डर से भागने का मन बनाया और जैसे ही उसने भागने का प्रयास किया वाहन पलट गया.

पढ़ें :- विकास दुबे एनकाउंटर केस : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में बनी समिति

उन्होंने गुप्ता को जांच समिति से हटाकर आईसी द्विवेदी, जावेद अहमद, प्रकाश सिंह और अन्य पूर्व डीजीपी को समिति में शामिल करने का सुझाव दिया है.

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