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अरुणाचल ALG तीन साल के बाद खुला

अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर स्थित एएलजी की हवाई पट्टी से सैन्य मालवाहक विमानों का परिचालन शुरु हो गया है. पढ़े पूरी खबर..

फोटो सौ. एएनआई.
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Published : Sep 19, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 6:47 AM IST

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर स्थित एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एजीएल) की हवाई पट्टी से सैन्य मालवाहक विमानों का परिचालन शुरू कर दिया गया है. म्यामां सीमा और चीन से नजदीक होने की वजह से यह हवाई पट्टी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है.

तीन साल के बाद बुधवार को वायुसेना का विमान एएन-32 विजयनगर एएलजी पर उतरा.

शिलांग में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि 4,000 फुट लंबी एएलजी की हवाई पट्टी अभी केवल एएन-32 विमानों के परिचालन के योग्य है.

दोबारा परिचालन में आए एएलजी का उद्घाटन चांगलांग जिले में पूर्वी वायुसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ एयर ऑफिसर आर. डी. माथुर ने थल सेना के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के साथ मिलकर किया.

प्रवक्ता ने बताया कि इस हवाई पट्टी की मरम्मत बड़ी चुनौती थी और इसे जोरहाट वायुसेना केंद्र के समन्वय से पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि चूंकि विजयनगर तक सड़क संपर्क नहीं है इसलिए सभी सामान विमान से वहां पहुंचाए गए.

प्रवक्ता ने कहा कि एएलजी से बड़े मालवाहक विमानों की आवाजाही से इलाके का विकास होगा और स्थानीय लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी. इससे म्यामां से लगती सीमा के बेहतर प्रबंधन और वायुसेना एवं थल सेना की संयुक्त कार्रवाई में मदद मिलेगी.

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर स्थित एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एजीएल) की हवाई पट्टी से सैन्य मालवाहक विमानों का परिचालन शुरू कर दिया गया है. म्यामां सीमा और चीन से नजदीक होने की वजह से यह हवाई पट्टी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है.

तीन साल के बाद बुधवार को वायुसेना का विमान एएन-32 विजयनगर एएलजी पर उतरा.

शिलांग में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि 4,000 फुट लंबी एएलजी की हवाई पट्टी अभी केवल एएन-32 विमानों के परिचालन के योग्य है.

दोबारा परिचालन में आए एएलजी का उद्घाटन चांगलांग जिले में पूर्वी वायुसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ एयर ऑफिसर आर. डी. माथुर ने थल सेना के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के साथ मिलकर किया.

प्रवक्ता ने बताया कि इस हवाई पट्टी की मरम्मत बड़ी चुनौती थी और इसे जोरहाट वायुसेना केंद्र के समन्वय से पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि चूंकि विजयनगर तक सड़क संपर्क नहीं है इसलिए सभी सामान विमान से वहां पहुंचाए गए.

प्रवक्ता ने कहा कि एएलजी से बड़े मालवाहक विमानों की आवाजाही से इलाके का विकास होगा और स्थानीय लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी. इससे म्यामां से लगती सीमा के बेहतर प्रबंधन और वायुसेना एवं थल सेना की संयुक्त कार्रवाई में मदद मिलेगी.

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Last Updated : Oct 1, 2019, 6:47 AM IST
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