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उपराष्ट्रपति ने भाषाई अखबारों और मातृभाषा के संवर्धन की वकालत की - क्षेत्रीय भाषाओं का संवर्धन हो वेंकइया नायडु

भारत के उपराष्ट्रपति वेंकइया नायडु ने एक ओडिया अखबार के शताब्दी समारोह के दौरान भाषाई अखबारों की और क्षेत्रिय भाषाओं को बढ़ावा देने की वकालत की. पढ़ें पूरी खबर

उपराष्ट्रपति वेंकइया नायडु (फाइल फोटो)
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Published : Oct 7, 2019, 8:10 AM IST

कटक: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को यह कहते हुए भाषाई अखबारों के विकास का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय भाषाओं का संवर्धन करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति प्रदान करते हैं. इस दौरान उन्होंने लोगों से मातृभाषा का सम्मान करने की अपील भी की.

नायडू ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में अधिक से अधिक भाषाई अखबार शुरू हों, वे क्षेत्रीय भाषाओं का संवर्धन करें और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति दें.'

उन्होंने प्रमुख ओडिया अखबार ‘द समाज’ के शताब्दी समारोह में कहा, 'भाषाई अखबार न केवल स्थानीय आकांक्षाओं को परिलक्षित करते हैं बल्कि वे लोगों के बेहद करीब भी होते हैं. आप अपने चौकस, त्वरित और सच्ची रिपोर्टिंग से भारत के ग्रामीण परिदृश्य में सच्चे तौर पर बदलाव ला सकते हैं.'

नायडू ने कहा कि भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए सभी प्रयास किये जाने चाहिए.

पढ़ें-इंडियन एयरफोर्स का 'पावर सेंटर' है आगरा एयरफोर्स स्टेशन

उन्होंने कहा, 'हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देने के बाद हमें कोई अन्य भाषा सीखनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'मातृभाषा आपकी नेत्रदृष्टि की भांति है और अन्य भाषाएं आपके चश्मे की तरह हैं. यदि आपकी अच्छी नेत्रदृष्टि है तो ही चश्मे आपको बेहतर तस्वीर पेश करेंगे.'

कटक: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को यह कहते हुए भाषाई अखबारों के विकास का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय भाषाओं का संवर्धन करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति प्रदान करते हैं. इस दौरान उन्होंने लोगों से मातृभाषा का सम्मान करने की अपील भी की.

नायडू ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में अधिक से अधिक भाषाई अखबार शुरू हों, वे क्षेत्रीय भाषाओं का संवर्धन करें और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति दें.'

उन्होंने प्रमुख ओडिया अखबार ‘द समाज’ के शताब्दी समारोह में कहा, 'भाषाई अखबार न केवल स्थानीय आकांक्षाओं को परिलक्षित करते हैं बल्कि वे लोगों के बेहद करीब भी होते हैं. आप अपने चौकस, त्वरित और सच्ची रिपोर्टिंग से भारत के ग्रामीण परिदृश्य में सच्चे तौर पर बदलाव ला सकते हैं.'

नायडू ने कहा कि भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए सभी प्रयास किये जाने चाहिए.

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उन्होंने कहा, 'हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देने के बाद हमें कोई अन्य भाषा सीखनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'मातृभाषा आपकी नेत्रदृष्टि की भांति है और अन्य भाषाएं आपके चश्मे की तरह हैं. यदि आपकी अच्छी नेत्रदृष्टि है तो ही चश्मे आपको बेहतर तस्वीर पेश करेंगे.'

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 0:27 HRS IST




             
  • उपराष्ट्रपति ने भाषाई अखबारों और मातृभाषा के संवर्धन की वकालत की



कटक, छह अक्टूबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को यह कहते हुए भाषाई अखबारों के विकास का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय भाषाओं का संवर्धन करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति प्रदान करते हैं।



उन्होंने लोगों से मातृभाषा का सम्मान करने की अपील भी की।



नायडू ने कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में अधिक से अधिक भाषाई अखबार शुरू हों, वे क्षेत्रीय भाषाओं का संवर्धन करें और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि को गति दें।’’



उन्होंने प्रमुख ओडिया अखबार ‘द समाज’ के शताब्दी समारोह में कहा, ‘‘ भाषाई अखबार न केवल स्थानीय आकांक्षाओं को परिलक्षित करते हैं बल्कि वे लोगों के बेहद करीब भी होते हैं। आप अपने चौकस, त्वरित और सच्ची रिपोर्टिंग से भारत के ग्रामीण परिदृश्य में सच्चे तौर पर बदलाव ला सकते हैं।’’



नायडू ने कहा कि भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए सभी प्रयास किये जाने चाहिए।



उन्होंने कहा , ‘‘ हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देने के बाद हमें कोई अन्य भाषा सीखनी चाहिए। ’’



उन्होंने कहा, ‘‘ मातृभाषा आपकी नेत्रदृष्टि की भांति है और अन्य भाषाएं आपके चश्मे की तरह हैं। यदि आपकी अच्छी नेत्रदृष्टि है तो ही चश्मे आपको बेहतर तस्वीर पेश करेंगे।’’


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