देहरादून : उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को देशभर के विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे 'भविष्य के लिए तैयार' पेशेवर पैदा करने की अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करें.
वेंकैया नायडू यहां पेट्रोलियम एवं ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि देश को 'आर्थिक विकास के लिए अपनी जनसांख्यिकी' का पूरा लाभ उठाना चाहिए और विश्वविद्यालय सरकारों के साथ मिलकर और छात्रों को भावी चुनौतियों से निबटने के लिए तैयार करके इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
नायडू ने कहा, 'सब कुछ केवल सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता. युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए विश्वविद्यालयों को सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'आपको 'भविष्य के लिए तैयार' ऐसे पेशेवर पैदा करने के लिए अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए, जो अपने सामने आने वाली चुनौतियों से निबट सकें. यह हमारे विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने उप राष्ट्रपति के रूप में कई देशों की यात्रा की है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं जहां कहीं भी गया, मैंने महसूस किया कि उनकी हमारे देश में काफी रुचि है. हमें सामने आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए समय के साथ चलना होगा अन्यथा हम पीछे हो जाएंगे.'
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नायडू ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.
उन्होंने कहा,'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता होने के बावजूद जीवंत एवं गतिशील देश है, क्योंकि इसने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एवं वसुधैव कुटुम्बकम जैसे मूल्यों को बरकरार रखा है.
उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास करने और स्वस्थ भारतीय भोजन करने समेत पुरानी भारतीय जीवनशैली अपनाएं.