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'भविष्य के लिए तैयार' पेशेवर पैदा करने पर ध्यान दें विश्वविद्यालय : वेंकैया नायडू

उत्तराखंड में पेट्रोलियम एवं ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने देशभर के विश्वविद्यालयों से अपील की कि वो 'भविष्य के लिए तैयार' पेशेवर पैदा करने पर ध्यान दें ताकि देश उन्नति के मार्ग के आगे बढ़ सके.

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Published : Nov 30, 2019, 10:43 PM IST

Updated : Nov 30, 2019, 11:26 PM IST

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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

देहरादून : उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को देशभर के विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे 'भविष्य के लिए तैयार' पेशेवर पैदा करने की अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करें.

वेंकैया नायडू यहां पेट्रोलियम एवं ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि देश को 'आर्थिक विकास के लिए अपनी जनसांख्यिकी' का पूरा लाभ उठाना चाहिए और विश्वविद्यालय सरकारों के साथ मिलकर और छात्रों को भावी चुनौतियों से निबटने के लिए तैयार करके इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

नायडू ने कहा, 'सब कुछ केवल सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता. युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए विश्वविद्यालयों को सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा.'

उन्होंने कहा, 'आपको 'भविष्य के लिए तैयार' ऐसे पेशेवर पैदा करने के लिए अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए, जो अपने सामने आने वाली चुनौतियों से निबट सकें. यह हमारे विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.'

उन्होंने कहा, 'मैंने उप राष्ट्रपति के रूप में कई देशों की यात्रा की है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं जहां कहीं भी गया, मैंने महसूस किया कि उनकी हमारे देश में काफी रुचि है. हमें सामने आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए समय के साथ चलना होगा अन्यथा हम पीछे हो जाएंगे.'

पढ़ें- अनुच्छेद 370 समाप्त करने का होगा प्रतिकूल प्रभाव: सलमान खुर्शीद

नायडू ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.

उन्होंने कहा,'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता होने के बावजूद जीवंत एवं गतिशील देश है, क्योंकि इसने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एवं वसुधैव कुटुम्बकम जैसे मूल्यों को बरकरार रखा है.

उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास करने और स्वस्थ भारतीय भोजन करने समेत पुरानी भारतीय जीवनशैली अपनाएं.

देहरादून : उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को देशभर के विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे 'भविष्य के लिए तैयार' पेशेवर पैदा करने की अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करें.

वेंकैया नायडू यहां पेट्रोलियम एवं ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि देश को 'आर्थिक विकास के लिए अपनी जनसांख्यिकी' का पूरा लाभ उठाना चाहिए और विश्वविद्यालय सरकारों के साथ मिलकर और छात्रों को भावी चुनौतियों से निबटने के लिए तैयार करके इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

नायडू ने कहा, 'सब कुछ केवल सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता. युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए विश्वविद्यालयों को सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा.'

उन्होंने कहा, 'आपको 'भविष्य के लिए तैयार' ऐसे पेशेवर पैदा करने के लिए अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए, जो अपने सामने आने वाली चुनौतियों से निबट सकें. यह हमारे विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.'

उन्होंने कहा, 'मैंने उप राष्ट्रपति के रूप में कई देशों की यात्रा की है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं जहां कहीं भी गया, मैंने महसूस किया कि उनकी हमारे देश में काफी रुचि है. हमें सामने आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए समय के साथ चलना होगा अन्यथा हम पीछे हो जाएंगे.'

पढ़ें- अनुच्छेद 370 समाप्त करने का होगा प्रतिकूल प्रभाव: सलमान खुर्शीद

नायडू ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.

उन्होंने कहा,'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता होने के बावजूद जीवंत एवं गतिशील देश है, क्योंकि इसने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एवं वसुधैव कुटुम्बकम जैसे मूल्यों को बरकरार रखा है.

उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास करने और स्वस्थ भारतीय भोजन करने समेत पुरानी भारतीय जीवनशैली अपनाएं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 19:31 HRS IST




             
  • ‘‘भविष्य के लिए तैयार’’ पेशेवर तैयार करें विश्वविद्यालय: नायडू



देहरादून, 30 नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को देश से विश्वविद्यालयों से अपील की कि वे ‘‘भविष्य के लिए तैयार’’ पेशेवर तैयार करने के लिए अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करें।



नायडू ने कहा कि देश को ‘‘आर्थिक विकास के लिए अपनी जनसांख्यिकी’’ का पूरा लाभ उठाना चाहिए और विश्वविद्यालय सरकारों के साथ मिलकर और छात्रों को भावी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करके इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।



उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ केवल सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता। युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए विश्वविद्यालयों को सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा।’’



नायडू ने यहां ‘पेट्रोलियम एवं ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय’ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपको भविष्य के लिए तैयार ऐसे पेशेवर पैदा करने के लिए अपनी अकादमिक रणनीतियों में बदलाव करना चाहिए, जो अपने सामने आने वाली चुनौतियों से निपट सकें। यह हमारे विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।’’



उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उपराष्ट्रपति के रूप में कई देशों की यात्रा की है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं जहां कहीं भी गया, मैंने महसूस किया कि उनकी हमारे देश में काफी रुचि है। हमें सामने आने वाली चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करने की खातिर समय के साथ चलना होगा, अन्यथा हम पीछे रह जाएंगे।’’



नायडू ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों को विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।



उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता होने के बावजूद जीवंत एवं गतिशील देश है क्योंकि इसने शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एवं वसुधैव कटुम्बकम् जैसे मूल्यों को बरकरार रखा है।’’



उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास करने और स्वस्थ भारतीय भोजन करने समेत पुरानी भारतीय जीवनशैली अपनाएं।

 


Conclusion:
Last Updated : Nov 30, 2019, 11:26 PM IST
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