नई दिल्ली: विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने पाकिस्तान में हिंदुओं धर्म परिवर्तन और उन्हें प्रताड़ित किए जाने का मामला उठाया. विहिप ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर पाकिस्तान या किसी भी अन्य देश में हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है और अगर वो देश छोड़ कर भारत आना चाहते हैं तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए. विश्व हिन्दू परिषद ने पाकिस्तान सरकार और वहां के संवैधानिक ढांचे को हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के लिये सीधे सीधे जिम्मेदार ठहराया है.
वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महा-सचिव मिलिंद परांडे ने दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तान में हाल में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में लगातार जिस तरह से हिन्दुओं की जनसंख्या में अप्रत्याशित कमी आई है वो चिंताजनक स्थिती है.
वीएचपी के मुताबिक जब पाकिस्तान देश अस्तित्व में आया था तब वहां हिन्दुओं की जनसंख्या 16% थी जो अब सिमट कर केवल 1.6 प्रतिशत रह गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये 90% हिन्दुओं का क्या हुआ.
इस मामले पर विश्व हिन्दू परिषद ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि पूरे विश्व भर में कहीं भी अगर हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ किसी भी तरह की ज्यादती होती है तो भारत के हिन्दू समाज को उनके साथ पूरी संवेदना दिखानी चाहिये. विहिप महा-सचिव ने प्रताड़ित हिन्दुओं को भारत में शरण देने का भी पक्ष रखा है.
विहिप का कहना है कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाए जैसे कि ग्लोबल ह्यूमन राइट्स डिफेंस (GHRD) और मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एंड पीस के अनुमान के मुताबिक प्रति वर्ष एक हजार से ज्यादा हिन्दू लड़की और महिलाओं का अपहरण कर जबरन उनका धर्मांतरण करवाया जाता है.