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राज्यसभा में गूंजा महिला सुरक्षा का मुद्दा, नायडू बोले - 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' जरूरी

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Published : Dec 2, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Dec 2, 2019, 4:48 PM IST

राज्यसभा में हैदराबाद गैंग रेप मामले पर सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. इसके बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' की जरूरत है.

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राज्यसभा में वेंकैया नायडू

नई दिल्ली : राज्यसभा में हैदराबाद गैंग रेप मामले पर सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए. नायडू ने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' की जरूरत है. प्रशासनिक स्किल, विचारधारा को बदलने की जरूरत है. इसके बाद हम सामाजिक बीमारी को खत्म कर सकते हैं.

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील पर अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं. 'इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए.'

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें समाधान हैं लेकिन अपील, फिर अपील, उसके बाद फिर अपील... यह सिलसिला भी चलता है. 'क्या ऐसे व्यक्ति को माफी दिए जाने के बारे में सोचा जा सकता है ? हमें कानूनी तंत्र में, हमारी न्यायिक प्रणाली में बदलाव के बारे में सोचना होगा.'

राज्यसभा में बोलते वेंकैया नायडू

महिलाओं के खिलाफ अपराधों को 'निंदनीय' करार देते हुए नायडू ने कहा, 'हमें हमारी कानून व्यवस्था की और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा.'

पढ़ें-संसद में उठा हैदराबाद गैंगरेप मामला : जया बोलीं- भीड़ को सौंपे जाएं रेपिस्ट

उन्होंने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'बहुत देर हो चुकी है. हमें नए विधेयक की जरूरत नहीं है. हमें जरूरत है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की, प्रशासनिक इच्छाशक्ति की और सोच बदलने की. इसके बाद ही हम इस सामाजिक बुराई को खत्म कर सकते हैं.'

सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे.

नई दिल्ली : राज्यसभा में हैदराबाद गैंग रेप मामले पर सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए. नायडू ने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' की जरूरत है. प्रशासनिक स्किल, विचारधारा को बदलने की जरूरत है. इसके बाद हम सामाजिक बीमारी को खत्म कर सकते हैं.

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील पर अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं. 'इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए.'

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें समाधान हैं लेकिन अपील, फिर अपील, उसके बाद फिर अपील... यह सिलसिला भी चलता है. 'क्या ऐसे व्यक्ति को माफी दिए जाने के बारे में सोचा जा सकता है ? हमें कानूनी तंत्र में, हमारी न्यायिक प्रणाली में बदलाव के बारे में सोचना होगा.'

राज्यसभा में बोलते वेंकैया नायडू

महिलाओं के खिलाफ अपराधों को 'निंदनीय' करार देते हुए नायडू ने कहा, 'हमें हमारी कानून व्यवस्था की और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा.'

पढ़ें-संसद में उठा हैदराबाद गैंगरेप मामला : जया बोलीं- भीड़ को सौंपे जाएं रेपिस्ट

उन्होंने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'बहुत देर हो चुकी है. हमें नए विधेयक की जरूरत नहीं है. हमें जरूरत है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की, प्रशासनिक इच्छाशक्ति की और सोच बदलने की. इसके बाद ही हम इस सामाजिक बुराई को खत्म कर सकते हैं.'

सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे.

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सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति नायडू ने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए. वेंकैया नायडू ने कहा कि नए बिल की नहीं बल्कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' की जरूरत है. प्रशासनिक स्किल, विचारधारा को बदलने की जरूरत है. इसके बाद हम सामाजिक बीमारी को खत्म कर सकते हैं.

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील पर अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं. 'इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए.'

नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें समाधान हैं लेकिन अपील, फिर अपील, उसके बाद फिर अपील... यह सिलसिला भी चलता है. 'क्या ऐसे व्यक्ति को माफी दिए जाने के बारे में सोचा जा सकता है ? हमें कानूनी तंत्र में, हमारी न्यायिक प्रणाली में बदलाव के बारे में सोचना होगा.'

महिलाओं के खिलाफ अपराधों को 'निंदनीय' बताते हुए नायडू ने कहा कि हमें हमारी कानून व्यवस्था की और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा.

उन्होंने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. 'बहुत देर हो चुकी है. हमें नए विधेयक की जरूरत नहीं है. हमें जरूरत है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की, प्रशासनिक इच्छाशक्ति की और सोच बदलने की. इसके बाद ही हम इस सामाजिक बुराई को खत्म कर सकते हैं.'

सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे.


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Last Updated : Dec 2, 2019, 4:48 PM IST
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