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वाराणसी से बैंगन और हरी मटर की खेप यूएई के लिए रवाना

संयुक्त अरब अमीरात के लोग अब वाराणसी का सफेद बैंगन खाएंगे. वाराणसी से हरी मटर और मशहूर सफेद बैंगन हवाई जहाज से वहां भेजा गया.

हरी मटर की खेप यूएई के लिए रवाना
हरी मटर की खेप यूएई के लिए रवाना
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Published : Jan 19, 2021, 10:55 PM IST

वाराणसी : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का असर अब जिले में दिखने लगा है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान अपनी फसल का निर्यात अब देश के साथ विदेशों में भी कर रहे हैं. मंगलवार को हरी मटर और जिले के राम नगर क्षेत्र का मशहूर सफेद बैंगन को हवाई जहाज से संयुक्त अरब अमीरात स्थित शारजहां के लिए भेज गया.

हरी मटर की खेप यूएई के लिए रवाना

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एपीडा के अध्यक्ष एम अंगामुथु और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के कार्गो सेंटर से हरी मटर और सफेद बैंगन के एक बड़े शिपमेन्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर एम अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी सहित आसपास के जिलों में किसानों की पैदावार को लगातार निर्यात किया जा रहा है.

इससे उन्नत किस्म की खेती के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि यहां के आम, फल, चावल के बाद अब यहां की सब्जियां भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात की जा रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वाराणसी के इस पूरे परिक्षेत्र को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट व फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बनाया जा रहा है.

जिले में बनेगा निर्यात का बड़ा हब
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं. आने वाले समय में वाराणसी को निर्यात क्षेत्र का बड़ा हब बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत दिनों यहां से विदेशों को जाने वाले सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन में कस्टम आदि की समस्याएं आती थी, जिसका समाधान अंतर विभागीय स्तर पर अधिकारियों के प्रयास किया गया. मौजूदा समय में वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जिले की हरी मटर और सफेद बैंगन की खेप पहली बार विदेश निर्यात की गई है.

जलमार्ग के रास्ते बांग्लादेश में ही किया जाएगा निर्यात
दीपक अग्रवाल ने बताया कि आने वाले समय में वाराणसी से जलमार्ग के रास्ते पानी की जहाज से भी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को बांग्लादेश सहित साउथ एशिया के देशों को निर्यात किया जाएगा. इससे जहां हमारा निर्यात बढ़ रहा हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हमारे उपज का उचित व अधिक मूल्य भी मिल रहा है. बड़े-बड़े स्टोर में भी किसानों की उपज जा रही है.


निर्यात में एपीडा करेगा सहयोग
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि आगामी दिनों में पीएम मोदी के लक्ष्य एवं संकल्प के अनुरूप किसानों की आय को दोगुना करना है. इस दिशा में ठोक एवं कारगर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए एपीडा के माध्यम से विदेशों में निर्यात कराया जा रहा है. किसानों की उपच को निर्यात करने में एपीडा लगातार सहयोग करता रहेगा.

निर्यात से किसानों में खुशी
जिले के जंखिनी क्षेत्र के ग्राम सभा तिलंगा के किसान सुरेंद्र कुमार सिंह, शुभम सिंह और विरावकोट के सुनील कुमार का मटर व बैगन निर्यात किया गया है. विदेशी निर्यात से इन किसानों को लागत से अधिक कीमत मिलेगी. इसे किसान खुश हैं. किसानों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि नए कानून से ही विदेशों में निर्यात संभव हो पाया है.

वाराणसी : केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का असर अब जिले में दिखने लगा है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान अपनी फसल का निर्यात अब देश के साथ विदेशों में भी कर रहे हैं. मंगलवार को हरी मटर और जिले के राम नगर क्षेत्र का मशहूर सफेद बैंगन को हवाई जहाज से संयुक्त अरब अमीरात स्थित शारजहां के लिए भेज गया.

हरी मटर की खेप यूएई के लिए रवाना

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एपीडा के अध्यक्ष एम अंगामुथु और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के कार्गो सेंटर से हरी मटर और सफेद बैंगन के एक बड़े शिपमेन्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर एम अंगामुथु ने कहा कि वाराणसी सहित आसपास के जिलों में किसानों की पैदावार को लगातार निर्यात किया जा रहा है.

इससे उन्नत किस्म की खेती के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि यहां के आम, फल, चावल के बाद अब यहां की सब्जियां भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात की जा रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वाराणसी के इस पूरे परिक्षेत्र को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट व फूड प्रोसेसिंग का बहुत बड़ा हब बनाया जा रहा है.

जिले में बनेगा निर्यात का बड़ा हब
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं. आने वाले समय में वाराणसी को निर्यात क्षेत्र का बड़ा हब बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि विगत दिनों यहां से विदेशों को जाने वाले सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन में कस्टम आदि की समस्याएं आती थी, जिसका समाधान अंतर विभागीय स्तर पर अधिकारियों के प्रयास किया गया. मौजूदा समय में वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जिले की हरी मटर और सफेद बैंगन की खेप पहली बार विदेश निर्यात की गई है.

जलमार्ग के रास्ते बांग्लादेश में ही किया जाएगा निर्यात
दीपक अग्रवाल ने बताया कि आने वाले समय में वाराणसी से जलमार्ग के रास्ते पानी की जहाज से भी एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को बांग्लादेश सहित साउथ एशिया के देशों को निर्यात किया जाएगा. इससे जहां हमारा निर्यात बढ़ रहा हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हमारे उपज का उचित व अधिक मूल्य भी मिल रहा है. बड़े-बड़े स्टोर में भी किसानों की उपज जा रही है.


निर्यात में एपीडा करेगा सहयोग
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि आगामी दिनों में पीएम मोदी के लक्ष्य एवं संकल्प के अनुरूप किसानों की आय को दोगुना करना है. इस दिशा में ठोक एवं कारगर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए एपीडा के माध्यम से विदेशों में निर्यात कराया जा रहा है. किसानों की उपच को निर्यात करने में एपीडा लगातार सहयोग करता रहेगा.

निर्यात से किसानों में खुशी
जिले के जंखिनी क्षेत्र के ग्राम सभा तिलंगा के किसान सुरेंद्र कुमार सिंह, शुभम सिंह और विरावकोट के सुनील कुमार का मटर व बैगन निर्यात किया गया है. विदेशी निर्यात से इन किसानों को लागत से अधिक कीमत मिलेगी. इसे किसान खुश हैं. किसानों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि नए कानून से ही विदेशों में निर्यात संभव हो पाया है.

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