चेन्नई: मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कझगम (एमडीएमके) के महासचिव वाइको ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिसमें फारूक अब्दुल्ला को चेन्नई में 15 सितंबर को होने वाले सम्मेलन में शामिल करने की मांग की गई.
बता दें कि 5 अगस्त को, केंद्र सरकार ने धारा 370 को समाप्त करने की घोषणा की, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया. लेकिन इस अनुच्छेद 370 के हटने पर पाक और चीन पूरी तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ थे. हालांकि कई देशों मे इसका समर्थन किया है.
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और जम्मू के अन्य राजनेताओं को श्रीनगर में हिरासत में ले लिया गया था.
लगभग एक महीना पूरा हो गया लेकिन फारूक अब्दुल्ला के बारे में कोई खबर नहीं है. एमडीएके के महासचिव और राज्यसभा सांसद वाइको ने कल फारुक को पेश करने के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक हबस कॉर्पस याचिका दायर की.
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याचिका में वाइको ने उल्लेख किया कि फारूक अब्दुल्ला को 15 सितंबर को चेन्नई में उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में शामिल होना है जिसके लिए मैंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मैं विफल रहा.
इस याचिका पर न्यायमूर्ति एनवी रमना को निर्णय लेना है.