देहरादून: उत्तराखंड के वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक केदारनाथ धाम से ऊपर बन रहे झील का निरीक्षण कर रहे हैं. ऐसा दावा किया जा रहा है कि साल 2013 में केदारनाथ में आई आपदा की मुख्य वजह रही चोराबाड़ी झील दोबारा पुर्नजीवित हो रही है. वहीं, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वैज्ञानिकों की टीम को जांच के लिए भेजा गया है.
बता दें कि डॉक्टरों की टीम ने 16 जून को एसडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन की एक टीम के साथ चोराबाड़ी झील का दौरा किया था. डॉक्टरों ने केदारनाथ धाम से करीब 5 किलोमीटर ऊपर ग्लेशियर में बनी एक झील को चोराबाड़ी झील होने का दावा किया था. जिसके बाद इस झील की जानकारी वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों को दी गई.
पढ़ें: चोपता में प्रशासन की कार्रवाई पर यूकेडी कार्यकर्ताओं ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन
वहीं, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते वैज्ञानिकों की एक टीम को जांच के लिए भेजा गया है. साथ ही कहा कि अभी इस झील की ज्यादा जानकारी नहीं हैं. लेकिन कुछ दिन में ये टीम वापस आ जायेगी, जिसके बाद झील की जानकारी मिल पाएगी.
डॉ. कालाचांद ने कहा कि अगर ये झील अगर चोराबाड़ी झील हुई या फिर कोई अन्य झील भी हुई तो जांच के लिए दूसरी टीम को भी भेजा जाएगा. साथ ही कहा कि इस तरह के झील पिछले 5-6 सालों से छोटी-छोटी जगहों पर चोराबड़ी झील के नीचे बनी हुई है.