वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी 22 सितम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम 'हाउडी मोदी' में शिरकत करेंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वह भी भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे.
हालिया इतिहास में यह पहली बार होगा जब दो सबसे बड़े लोकंतत्रों के नेता एक संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे.
एनआरजी स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम 'हाउडी मोदी! शेयर्ड ड्रीम्स, ब्राइट फ्यूचर' के लिए रिकार्ड संख्या में 50,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है.
'हाउडी' शब्द का प्रयोग 'आप कैसे हैं?' के लिए किया जाता है. दक्षिण पश्चिम अमेरिका में अभिवादन के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है.
यह सम्मेलन 'साझा सपने, उज्ज्वल भविष्य' के विषय के साथ पिछले सात दशकों से अमेरिकी जीवन को समृद्ध बनाने में भारतीय-अमेरिकियों के योगदान को प्रदर्शित करेगा, जिन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने एक बयान में कहा, ' यह (मोदी-ट्रम्प की साझा रैली होगी) अमेरिका और भारत के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने, दुनिया के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी की पुन: पुष्टि करने और उनकी ऊर्जा तथा व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का बेहतरीन मौका होगा.'
यह पहला मौका होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे.
पढ़ें- मोदी- ट्रम्प की द्विपक्षीय वार्ता, गिनाए 4 मुद्दे
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ट्रम्प का 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में हिस्सा लेना 'ऐतिहासिक' और 'अभूतपूर्व' है.
श्रृंगला ने आगे बताया, 'यह दोस्ती तथा सहयोग के मजबूत रिश्तों को दर्शाता है, जो भारत और अमेरिका के बीच विकसित हुए हैं.'
राजदूत ने व्हाइट हाउस की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, 'यह अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक है और भारत-अमेरिका के बीच करीबी संबंधों को दर्शाता है.'
राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं का कार्यक्रम को संबोधित करना एक बड़ी मिसाल कायम करता है, जो अपरंपरागत एवं अनोखी है.
श्रृंगला ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का 50,000 से अधिक अमेरिकी-भारतीयों (अधिकतर अमेरिकी नागरिकों) को संबोधित करना ऐतिहासिक होगा.'
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रम्प के साथ हुई मुलाकात में इसका अनुरोध किया था.
पढे़ं- अन्य देशों से रिश्तों पर ट्रंप को भारत से मिले स्पष्ट संकेत : पूर्व राजदूत
भारत जी-7 का हिस्सा नहीं है लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने उसे विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था. अधिकारी ने कहा कि ट्रम्प ने तुरन्त ही प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था.
मोदी और ट्रम्प के बीच इस साल यह तीसरी मुलाकात होगी. जी-7 से पहले दोनों नेताओं ने जून में जापान में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी.
बता दें, पीएम मोदी के 21 सितंबर को अमेरिका के लिए रवाना होने की संभावना है. वह पहले ह्यूस्टन और फिर 23 से 27 सितंबर तक न्यूयॉर्क जाएंगे.