नई दिल्ली : उपहार सिनेमा में 1997 में बॉर्डर फिल्म के स्क्रीनिंग दौरान आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी.
दरअसल, 13 जून, 1997 को बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के दौरान उपहार सिनेमा हॉल में आग लग गई थी. इस आग में 59 लोगों की जान चली गई थी और 100 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे.
इस मामले में जनवरी 31, 2003 में न्यायालय ने जांच के आदेश दिए थे. यह आदेश न्यायालय के रिकार्ड रूम से उपहार सिनेमा से संबंधित कुछ दस्तावेज गायब होने के बाद आया था. जांच में न्यायालय के एक कर्मचारी को बरखास्त कर दिया गया था.
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आम इमारतों में आग लगने की घटनाओं के अलावा कई अग्निकांड ऐसे भी हुए हैं, जिनका निर्माण कई तरह के मानकों की जांच के बाद होता है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा अन्य शहरों में हुए हादसों पर एक नजर:
दिल्ली के अलावा इन शहरों के अस्पतालों में भी हो चुके हैं अग्निकांड
- मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल : 13-03-2019 को मुर्शिदाबाद मेडिकल अस्पताल में लगी आग के दौरान हुई भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी वहीं, 30 लोग घायल हो गए थे.
- मुंबई, महाराष्ट्र : 17-12-2018 को अंधेरी ईस्ट के मारोल में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) कामगर अस्पताल आग लगी थी. आग को बुझाने में तीन से ज्यादा घंटे लगे थे. घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी और 145 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
- कोलकाता : 08.10.2018 को राजकीय कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डिस्पेंसरी में आग लग गई थी. इमारत से करीब 250 मरीजों को बचाया गया था.
- भुवनेश्वर, ओडिशा : 20.10.2016 को भुवनेश्वर के सम अस्पताल में बड़ी आग लगी, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई.
- कटक, ओडिशा : 28.11.2015 को कटक के शिशु भवन अस्पताल में आग लग गई, जिसमें 11 लाख रुपये की मशीनें खाक हो गईं. हादसे में एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया.
- बीकानेर, राजस्थान : जनवरी, 2013 में बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में आग लगी. इस घटना में चार नवजात शिशु घायल हो गए थे.
- कोलकाता, पश्चिम बंगाल : 09.12.2011 को कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में आग लग गई थी. इस घटना में 94 लोगों की जान गई थी. मरने वालों में 90 लोग मरीज थे. यह घटना कार पार्किंग में एक कार में रखी गैरकानूनी ज्वलनशील सामग्री में आग लगने से हुई.
- एरवाड़ी, तमिलनाडु : 06.08.2001 को हुई इस दर्दनाक घटना में 28 लोगों की जान गई थी. मोइदीन बदुशा मेंटल होम में जब आग लगी तो मरीज जंजीरों के सहारे पेड़ और बेड से बंधे थे, जिसकी वजह से वह भाग नहीं पाए.