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असम NRC पर केंद्र सरकार कर रही 'नौटंकी' : सुप्रीम कोर्ट के वकील - उपमन्यु हजारिका

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका ने सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि, सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है. जानें हजारिका ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान क्या कुछ कहा....

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका
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Published : Jul 26, 2019, 9:39 PM IST

नई दिल्लीः असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका ने कहा कि सरकार अब इस मुद्दे को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

उपमन्यु हाजारिका ने NRC को लेकर दी प्रतिक्रिया, देखें वीडियो....

सुप्रीम कोर्ट में नेशनल NRC के अपडेशन का काम चल रहा है. इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.

उपमन्यु हजारिका ने कहा कि, ऐसा लग रहा है कि सरकार का इन अवैध प्रवासियों को देश से भगाने का कोई इरादा नहीं है.

हजारिका ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि, NRC को लेकर केंद्र की प्रक्रिया को देखकर ऐसा नहीं लग रहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर जरा सी भी गंभीर है.

हजारिका ने एनआरसी को लेकर सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठाया और कहा कि, यह प्रक्रिया पिछले साल की शुरुआत में भी की गई थी. और अब जब NRC के अंतिम प्रकाशन के लिए मात्र कुछ ही दिन बचे हैं, तो सरकार इस पर बदलाव के लिए कह रही है.

पढ़ेंः एनआरसी के अंतिम मसौदे से पहले धोखाधड़ी

सरकार ने अपने हलफनामे में मजबूत कारण नहीं दिए थे. और यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

हजारिका ने कहा, न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार विदेशियों के भाग्य पर कोई स्पष्टिकरण दे रही है.

हालांकि सभी पहचाने गए विदेशियों के मामले आगे की सुनवाई के लिए विदेशी ट्रिब्यूनल में जाएंगे.

वास्तव में, अवैध विदेशियों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए असम में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल हैं.

नई दिल्लीः असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका ने कहा कि सरकार अब इस मुद्दे को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है.

उपमन्यु हाजारिका ने NRC को लेकर दी प्रतिक्रिया, देखें वीडियो....

सुप्रीम कोर्ट में नेशनल NRC के अपडेशन का काम चल रहा है. इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उपमन्यु हजारिका ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.

उपमन्यु हजारिका ने कहा कि, ऐसा लग रहा है कि सरकार का इन अवैध प्रवासियों को देश से भगाने का कोई इरादा नहीं है.

हजारिका ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि, NRC को लेकर केंद्र की प्रक्रिया को देखकर ऐसा नहीं लग रहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर जरा सी भी गंभीर है.

हजारिका ने एनआरसी को लेकर सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठाया और कहा कि, यह प्रक्रिया पिछले साल की शुरुआत में भी की गई थी. और अब जब NRC के अंतिम प्रकाशन के लिए मात्र कुछ ही दिन बचे हैं, तो सरकार इस पर बदलाव के लिए कह रही है.

पढ़ेंः एनआरसी के अंतिम मसौदे से पहले धोखाधड़ी

सरकार ने अपने हलफनामे में मजबूत कारण नहीं दिए थे. और यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.

हजारिका ने कहा, न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार विदेशियों के भाग्य पर कोई स्पष्टिकरण दे रही है.

हालांकि सभी पहचाने गए विदेशियों के मामले आगे की सुनवाई के लिए विदेशी ट्रिब्यूनल में जाएंगे.

वास्तव में, अवैध विदेशियों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए असम में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल हैं.

Intro:New Delhi: Senior Supreme Court lawyer Upamanyu Hazarika on Friday said that Government does not have sincere intention to deport illegal foreigners from the country. Hazarika also raised question on the fate of the detected illegal Bangladeshis after the August 31 deadline.


Body:"I don't think government is at all serious. As the Suprme Court is observing the whole issue, the government is taking the initiatives," said Hazarika.

Raising question over Government's sincerity, Hazarika said that the NRC process was started early last year, and Governmnet is asking for varification when a few days left for the publication of final NRC.

"The entire NRC process started last year. They could have told about varification last year only," said Hazarika adding "the government in its affidavit seeking varification also did not behave strong reasons...and that is why supreme court rejected the plea for varification," said Hazarika.

In the last hearing government asked for 20 and 10 percent varification of NRC.


Conclusion:He said that there is no clarity on the fate the detected illegal foreigners.

"Neither the central government nor the state government is giving any clarity on the fate of the detected foreigners, though cases of all the detected foreigners will go to the foreigners tribunal for further hearing," said Hazarika.

In fact, there are 100 foreigners tribunals in Assam to hear cases related to the illegal foreigners.

end.
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