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प्रवासी श्रमिक और कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए : योगी आदित्यनाथ - योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी कामगारो पर निर्देश दिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कामगारों/श्रमिकों को मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गौ-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबंध किया जाए. जानें विस्तार से...

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
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Published : May 8, 2020, 12:03 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिक तथा कामगारों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए.

मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए मनरेगा, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, एमएसएमई, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी उद्योग और खाद्य समितियों से जोड़ने के लिए कार्ययोजना बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने साथ ही प्रदेश में संचालित औद्योगिक इकाइयों में कामगारों को रोजगार देने पर भी विशेष बल दिया.

यहां लोकभवन में कोरोना वायरस और लॉकडाउन कें संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अधिकाारियों को निर्देश दिए कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार की जायें.

उन्होंने कहा कि कामगारों/श्रमिकों को मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गौ-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबन्ध किया जाए. दुग्ध समितियों तथा पौध नर्सरी के माध्यम से भी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए.

योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल यात्रा करके प्रदेश में न आएं. राज्य सरकार प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए. इसके लिए प्रत्येक पृथक इकाई में मेडिकल टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. स्वस्थ होने की दशा में 14 दिन की घर पर पृथकवास के लिए कामगारों/श्रमिकों को घर भेजा जाए. स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाए गए लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए.

उन्होंने कहा कि घर भेजे जाने वाले कामगारों/श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराया जाए. निराश्रितों को राशन किट के साथ-साथ 1000 रुपए का भरण पोषण भत्ता भी दिया जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखनऊ के सीडीआरआई, आईआईटीआर एवं बीएसआईपी तथा आईवीआरआई, बरेली में मेडिकल जांच का कार्य प्रारम्भ हो गया है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संस्थानों को जांच से सम्बन्धित सभी संसाधन सुचारू रूप से उपलब्ध होते रहें.

उन्होंने कहा कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए सभी उपाय किए जाएं. भर्ती करने से पूर्व मरीज की अस्पताल में मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए. अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं.

संक्रमण से सुरक्षा के लिए डाक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम निरन्तर जारी रखे जाएं. पुलिस बल को संक्रमण से बचाने के लिए पूरी सतर्कता बरती जाए. समस्त चिकित्सालयों पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना से आच्छादित अस्पतालों को अनुदानित दर पर पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था कर रही है.

मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वाले लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग व पृथकवास के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनें के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पृथक इकाई की संख्या में वृद्धि की जाए.

सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाते हुए इनके माध्यम से गुणवत्तापरक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए. एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए. सभी जनपदों में सेनिटाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डियों में एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन कराने के साथ-साथ नियमित तौर पर सेनिटाइजेशन कराया जाए. मण्डियों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क तथा ग्लव्स का प्रयोग करें.

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निराश्रित गौ-वंश के लिए स्थापित गौ-आश्रय स्थलों का समय-समय पर निरीक्षण करें. उन्होंने कहा कि खनन के पट्टे जारी कर दिए जाएं. इससे मोरंग, बालू आदि को निकालने का कार्य किया जा सकेगा जिससे राजस्व में वृद्धि होगी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिक तथा कामगारों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाए.

मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए मनरेगा, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, एमएसएमई, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी उद्योग और खाद्य समितियों से जोड़ने के लिए कार्ययोजना बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने साथ ही प्रदेश में संचालित औद्योगिक इकाइयों में कामगारों को रोजगार देने पर भी विशेष बल दिया.

यहां लोकभवन में कोरोना वायरस और लॉकडाउन कें संबंध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अधिकाारियों को निर्देश दिए कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार की जायें.

उन्होंने कहा कि कामगारों/श्रमिकों को मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गौ-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबन्ध किया जाए. दुग्ध समितियों तथा पौध नर्सरी के माध्यम से भी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए.

योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल यात्रा करके प्रदेश में न आएं. राज्य सरकार प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की जाए. इसके लिए प्रत्येक पृथक इकाई में मेडिकल टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. स्वस्थ होने की दशा में 14 दिन की घर पर पृथकवास के लिए कामगारों/श्रमिकों को घर भेजा जाए. स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ पाए गए लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए.

उन्होंने कहा कि घर भेजे जाने वाले कामगारों/श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराया जाए. निराश्रितों को राशन किट के साथ-साथ 1000 रुपए का भरण पोषण भत्ता भी दिया जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लखनऊ के सीडीआरआई, आईआईटीआर एवं बीएसआईपी तथा आईवीआरआई, बरेली में मेडिकल जांच का कार्य प्रारम्भ हो गया है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संस्थानों को जांच से सम्बन्धित सभी संसाधन सुचारू रूप से उपलब्ध होते रहें.

उन्होंने कहा कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए सभी उपाय किए जाएं. भर्ती करने से पूर्व मरीज की अस्पताल में मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए. अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं.

संक्रमण से सुरक्षा के लिए डाक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम निरन्तर जारी रखे जाएं. पुलिस बल को संक्रमण से बचाने के लिए पूरी सतर्कता बरती जाए. समस्त चिकित्सालयों पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.

प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना से आच्छादित अस्पतालों को अनुदानित दर पर पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था कर रही है.

मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वाले लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग व पृथकवास के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनें के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पृथक इकाई की संख्या में वृद्धि की जाए.

सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाते हुए इनके माध्यम से गुणवत्तापरक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए. एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का कड़ाई से पालन कराया जाए. सभी जनपदों में सेनिटाइजेशन का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डियों में एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन कराने के साथ-साथ नियमित तौर पर सेनिटाइजेशन कराया जाए. मण्डियों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क तथा ग्लव्स का प्रयोग करें.

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निराश्रित गौ-वंश के लिए स्थापित गौ-आश्रय स्थलों का समय-समय पर निरीक्षण करें. उन्होंने कहा कि खनन के पट्टे जारी कर दिए जाएं. इससे मोरंग, बालू आदि को निकालने का कार्य किया जा सकेगा जिससे राजस्व में वृद्धि होगी.

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