मेरठ: शहर के ज्वेलरी डिजाइनर ने एक ऐसी अंगूठी बनाई है, जिसने मेरठ के सर्राफा कारोबार की पहचान विश्वभर में बना दी है. 25 वर्षीय हर्षित बंसल ने बेशकीमती हीरे जड़कर इस अंगूठी को बनाने में करीब 3 साल का समय लगाया. अंगूठी की खास बात यह है कि इस अंगूठी में उच्च क्वॉलिटी के 12,638 हीरे लगाए गए हैं. 165 ग्राम की इस अंगूठी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
डिजाइनर डायमंड प्रोफेशनल में किया है स्नातक
डिजाइनर हर्षित ने बताया कि उसने सूरत के इंटरनेशनल स्कूल ऑफ जेम्स ज्वेलरी से डायमंड प्रोफेशनल विषय में स्नातक किया है. कॉलेज टाइम से ही वह इस अंगूठी को बनाने में लगा था. अंगूठी बनने के बाद उसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट पर आवेदन किया था, जिसके बाद सभी मानक पूरे होने पर इस अंगूठी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया. इस उपलब्धि से जहां हर्षित के परिवार में खुशी का माहौल है तो वहीं, सर्राफा कारोबारी भी खुशी जाहिर कर रहे हैं.
12,638 हीरों से बनाई अंगूठी
ETV भारत से बातचीत में ज्वेलरी डिजाइनर हर्षित बंसल ने बताया कि इस अंगूठी को आठ लेयर्स में तैयार किया गया है. बावजूद इसके अंगूठी में बेहतरीन एलाइमेंट हैं, जिससे अंगूठी पहनने पर उंगली से इधर-उधर नहीं खिसकेगी. दूसरी बड़ी बात ये है कि अंगूठी में 12,638 हीरे लगाए गए हैं. अंगूठी बनाने में इतनी बड़ी संख्या में हीरे लगाते समय हर्षित के सामने बड़ा चैलेंज भी आया, लेकिन उसने अपना काम जारी रखा. अंगूठी को मेरीगोल्ड फ्लॉवर का शेप दिया गया है और अंगूठी को 'RING OF PROSPERITY' का नाम दिया गया है.
नेचुरल लुक देने को बनाई 138 पत्तियां
25 वर्षीय हर्षित बंसल के मुताबिक इस अंगूठी में 138 पत्तियां बनाई गई हैं. चौंकाने वाली बात ये भी है कि हर पत्ती की शेप अलग-अलग है, जिससे अंगूठी को नेचुरल लुक मिला है, जिससे यह अंगूठी हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. डिजाइनर का कहना है कि जब इस तरह की डिजाइनिंग के लिए कॉन्सेप्ट तैयार करते हैं तो कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. बड़ी अंगूठी बनाने के लिए कई तरह के इंप्रेशन होते हैं.
गेंदे के फूल को देखकर आया कॉन्सेप्ट
हर्षित बंसल ने बताया कि जब वह सूरत के कॉलेज में ज्वेलरी डिजाइनिंग का कोर्स कर रहे थे तो उस समय पार्क में बैठे हुए गेंदे का फूल देखकर मेरीगोल्ड का कॉन्सेप्ट उनके दिमाग में आया था. इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता से सलाह लेकर इस कॉन्सेप्ट पर काम शुरू किया. जब इस कॉन्सेप्ट पर काम किया गया तो यह एक अंगूठी बनकर तैयार हो गई, जो देखने में बिल्कुल गेंदे के फूल की तरह लगती है.
ज्वेलरी डिजाइनिंग में मिलेगा स्कोप
सूरत में डायमंड और ज्वेलरी डिजाइनिंग का कोर्स करके आए हर्षित बंसल का कहना है कि भविष्य में ज्वेलरी डिजाइनिंग का अच्छा स्कोप रहने वाला है. मेरठ शहर में ज्वेलरी डिजाइनर की संख्या बहुत कम है. सर्राफा कारोबार से जुड़े युवा भविष्य में डिजाइनिंग का कोर्स कर इसका फायदा उठा सकते हैं.
165 ग्राम की अंगूठी
इस अंगूठी का वजन 165.450 ग्राम है, जिसमें 38.0 कैरेट डायमंड जो EFVBS क्वॉलिटी में हैं. इस अंगूठी में दुनिया का नंबर वन हीरा लगाया गया है. इसे सबसे अच्छी क्वॉलिटी का डायमंड कहा जाता है. लाखों हीरो में से चुन-चुन कर इन हीरों को इकट्ठा किया गया था. हर्षित के मुताबिक इस अंगूठी की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है. हालांकि, हर्षित ने अंगूठी और अंगूठी में लगे हीरों की कीमत बताने से इंकार कर दिया.
अपनी फर्म के प्रचार के लिए बनाई अंगूठी
ETV भारत से बातचीत में डिजाइनर हर्षित बंसल ने बताया कि यह अंगूठी उसने केवल अपनी फर्म यानि रेनानी ज्वेलर्स के प्रचार के लिए बनाई है, जिसे बेचने का कोई विचार नहीं है.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम हुआ दर्ज
12,638 हीरों से अंगूठी तैयार किये जाने के बाद हर्षित ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अधिकारियों से सम्पर्क किया. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अधिकारियों ने अंगूठी के तमाम एविडेन्स देखने के बाद औपचारिकता पूरी कराई. जांच परख के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया. 30 नवंबर को इस अनोखी अंगूठी के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ऑनलाइन टाइटल भेज दिया. टाइटल मिलने के बाद हर्षित के साथ मेरठ के पूरे सर्राफा कारोबारियों में खुशी की लहर दौड़ गई.