नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 17 सितंबर को दिल्ली के कमानी सभागार में अंतर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव के 5 वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे. इस उत्सव में थाईलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो, इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, मॉरीशस, बांग्लादेश और फिजी सहित कुल आठ देशों के समूह भाग ले रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, सभी आठ देशों के कलाकारों को लखनऊ और पुणे में भी प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा. उत्सव के बाद वो अयोध्या भी जाएंगे और राम लला की पूजा-अर्चना करेंगे.
सांसद राज्यसभा और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR ) अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धि, ने कहा कि एक समय था जब रामायण केवल भारतीय चेतना और सदाचार का हिस्सा थी. लेकिन अब यह कई देशों के सांस्कृति का हिस्सा बन गया है.
उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के पीछे पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिमाग था. यह उनके निर्देशों पर इसका आयोजन किया गया.
बता दें कि ICCR ने 2015 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव आयोजित किया था. इसके पहले स्ंस्करण में का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. उस समय सात देशों के समूहों ने उत्सव में भाग लिया था.
यह उत्सव उस समय विशेष बन जाता है जब विदेशों से आए कलाकार हर रात मंच पर महाकाव्य की सांस्कृतिक व्याख्याओं का प्रदर्शन करते हैं.
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दरअसल, रामयाण सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण घटना है और यह उत्सव महाकाव्य के विभिन्न संस्करणों को देखने का मौका देता है. जिसे पारंपरिक रूप से हर देश द्वारा अपने तरीके से प्रसारित किया गया है.