नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मरीजों का उपचार नहीं कर रहे अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्यसेवा कर्मियों द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के तर्कसंगत इस्तेमाल को लेकर शुक्रवार को अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए.
मंत्रालय ने बताया कि कम, मध्यम या अधिक खतरे वाले क्षेत्रों में किस प्रकार से पीपीई का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
मंत्रालय के अस्पताल के विभिन्न विभागों को कम, मध्यम एवं अधिक खतरे वाले क्षेत्रों में विभाजित किया है.
दिशा-निर्देशों के अनुसार उच्च जोखिम वाले विभागों में पीपीई के सभी घटकों का प्रयोग किया जाना चाहिए जबकि कम खतरे वाले विभागों में तिहरी परत वाला मास्क और दस्ताने पहनने अनिवार्य हैं. इसके अलावा सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी का पालन करने की हिदायत दी गई है.
मध्यम खतरे वाले विभागों में एन-95 मास्क, चश्मे और दस्ताने पहनने की सलाह दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीपीई के तर्कसंगत इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पीपीई के तर्कसंगत इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय ने बताया कि कम, मध्यम या अधिक खतरे वाले क्षेत्रों में किस प्रकार से पीपीई का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के मरीजों का उपचार नहीं कर रहे अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्यसेवा कर्मियों द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) के तर्कसंगत इस्तेमाल को लेकर शुक्रवार को अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए.
मंत्रालय ने बताया कि कम, मध्यम या अधिक खतरे वाले क्षेत्रों में किस प्रकार से पीपीई का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
मंत्रालय के अस्पताल के विभिन्न विभागों को कम, मध्यम एवं अधिक खतरे वाले क्षेत्रों में विभाजित किया है.
दिशा-निर्देशों के अनुसार उच्च जोखिम वाले विभागों में पीपीई के सभी घटकों का प्रयोग किया जाना चाहिए जबकि कम खतरे वाले विभागों में तिहरी परत वाला मास्क और दस्ताने पहनने अनिवार्य हैं. इसके अलावा सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी का पालन करने की हिदायत दी गई है.
मध्यम खतरे वाले विभागों में एन-95 मास्क, चश्मे और दस्ताने पहनने की सलाह दी गई है.