नई दिल्ली : प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने बुधवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी पहली प्राथमिकता आरक्षण को कमजोर करना है.
उदित राज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया है कि अनुच्छेद 16(4) और अनुच्छेद 16 (4A) आरक्षण का प्रावधान संवैधानिक नहीं है. साथ ही कहा कि यह भाजपा और आरएसएस की मानसिकता को दर्शाता है.
उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से यह सरकार आई है, तब से निजीकरण, विनिवेश और आउटसोर्सिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आरक्षण समाप्त हो चुका है.
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम प्रणाली असंवैधानिक है. न्यायाधीशों की नियुक्ति न्यायाधीशों द्वारा की जाती है और यह पूरी तरह से एक जातिगत संगठन है और इसमें केवल उच्च जाति लोग ही हैं.
उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के निर्णय का हम स्वागत करते हैं और यह भी उम्मीद करते हैं कि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य राजनीतिक दल भी कोर्ट इस फैसले के खिलाफ साथ आएंगे.'
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कांग्रेस नेता ने मांग उठाई कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण का लाभ उसी प्रकार से जारी रखा जाए. जैसे पहले था. साथ ही उन्होंने कहा, 'आज का विरोध सिर्फ प्रतीकात्मक है और हमारी मांगें अगर पूरी नहीं हुईं तो देशव्यापी आंदोलन करेंगे.'
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय में कहा है कि ऐसा कोई मौलिक अधिकार नहीं है, जिसमें किसी व्यक्ति के लिए प्रोन्नति में आरक्षण का दावा करने का अधिकार सन्निहित हो. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं हैं.