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अयोध्या में उद्धव बोले- भाजपा से अलग हुए, हिन्दुत्व से नहीं; मंदिर के लिए दिए एक करोड़ - महाराष्ट्र सरकार के सौ दिन पूरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर शनिवार को अयोध्या पहुंचकर रामलला की पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने मीडिया के कई सवालों के जवाब दिए. हिंदुत्व और भाजपा से जुड़े एक सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'भाजपा से हमारे रास्ते शायद अलग हो गए हैं लेकिन हिंदुत्व से नहीं. भाजपा और हिंदुत्व अलग-अलग हैं, भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है.'

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
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Published : Mar 7, 2020, 8:39 AM IST

Updated : Mar 7, 2020, 10:53 PM IST

मुंबई/अयोध्या : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को रामनगरी अयोध्‍या पहुंचे. उन्होंने अपने परिवार के साथ रामलला का दर्शन किया और मुंबई लौटने से पहले मीडिया से बात राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से एक करोड़ रुपये देने का एलान भी किया.

अयोध्या में शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने मीडिया से कहा कि वह सरकार की ओर से नहीं वरन अपने ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये देने की घोषणा करते हैं. ठाकरे ने कहा, 'हम ​बीजेपी से अलग हुए हैं, हिन्दुत्व से नहीं. बीजेपी अलग है हिन्दुत्व अलग.'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रेस वार्ता करते हुए
उद्धव ठाकरे के साथ उनकी पत्नी रश्मि, बेटा आदित्य ठाकरे (जो राज्य के पर्यटन मंत्री हैं), एक अन्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुनील केदार भी अयोध्या पहुंचे.

ठाकरे ने कहा, 'मराठी में कहा जाता है कि 'फूल ना फुलाची पाकली' जिसका अर्थ है अगर पूरा पुष्प समर्पित न कर सकें तो एक पत्ती भी चढ़ाई जा सकती है. मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा करते हुए मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. यह सहायता सरकार (महाराष्ट्र) नहीं, बल्कि हमारे न्यास की ओर से दी जाएगी.'

रामलला के दर्शन कर मुंबई लौटे उद्धव ठाकरे.

अस्थायी रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना करने से पहले ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, 'न्यास (राम मंदिर) के सदस्यों से हम विनम्रता से अनुरोध करते हैं कि वे राम भक्तों की ओर से यह छोटा सा योगदान स्वीकार करें.'

भाजपा शिवसेना की यह कहते हुए आलोचना करती रही है कि उसने महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद हिंदुत्व से मुंह फेर लिया है. इस बारे में पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'भाजपा से हमारे रास्ते शायद अलग हो गए हैं लेकिन हिंदुत्व से नहीं. भाजपा और हिंदुत्व अलग-अलग हैं, भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है.'

उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए शिवसेना के खुले समर्थन का भी जिक्र किया जब उनके पिता बाला साहेब ठाकरे पार्टी के मुखिया थे.

उद्धव ने कहा, 'ऐसी ईंटें जिन पर ‘श्रीराम’ लिखा है, वे उन दिनों महाराष्ट्र से भेजी गई थीं. वे ईंटें आज भी यहां हो सकती हैं.'

उन्होंने कहा कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर सभी के लिए होगा और इसका निर्माण इतने बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए कि दुनियाभर के लोग इसे देखने आएं.

उनसे पूछा गया कि क्या वह मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम की जब भी इच्छा होगी, हम आएंगे.'

ठाकरे कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर आरती में शामिल नहीं हुए.

उन्होंने कहा, 'मैं आरती करना चाहता था...अगली बार जरूर करूंगा.'

वहीं शिवसेना सांसद राजन विचारे ने कहा, 'आज रामलला के दर्शन के बाद आत्म संतुष्टि हुई है. हिन्दुओं का गौरव वापस आ गया है. आज हमें बाला साहेब ठाकरे की बहुत याद आई.'

उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ने के बाद राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाया था, जो उसकी विचारधारा के विरोधी रहे हैं.

28 नवम्बर 2019 को पदभार संभालने वाले उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा न्यास के गठन की घोषणा करने के बाद अयोध्या का दौरा किया.

अयोध्या पहुंचे संजय राउत, कहा- भाजपा का शिवसेना से रिश्ता टूट चुका है

शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे की अयोध्या यात्रा से पहले शिवसेना के सदस्य गुरुवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से अयोध्या के लिए रवाना हुए थे.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18 कोच वाली विशेष रेलगाड़ी को किसी व्यक्ति विशेष ने आईआरसीटीसी के मार्फत मुंबई से अयोध्या और फिर वापसी के लिए बुक किया.

मुंबई/अयोध्या : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को रामनगरी अयोध्‍या पहुंचे. उन्होंने अपने परिवार के साथ रामलला का दर्शन किया और मुंबई लौटने से पहले मीडिया से बात राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी ओर से एक करोड़ रुपये देने का एलान भी किया.

अयोध्या में शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने मीडिया से कहा कि वह सरकार की ओर से नहीं वरन अपने ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये देने की घोषणा करते हैं. ठाकरे ने कहा, 'हम ​बीजेपी से अलग हुए हैं, हिन्दुत्व से नहीं. बीजेपी अलग है हिन्दुत्व अलग.'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रेस वार्ता करते हुए
उद्धव ठाकरे के साथ उनकी पत्नी रश्मि, बेटा आदित्य ठाकरे (जो राज्य के पर्यटन मंत्री हैं), एक अन्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुनील केदार भी अयोध्या पहुंचे.

ठाकरे ने कहा, 'मराठी में कहा जाता है कि 'फूल ना फुलाची पाकली' जिसका अर्थ है अगर पूरा पुष्प समर्पित न कर सकें तो एक पत्ती भी चढ़ाई जा सकती है. मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा करते हुए मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है. यह सहायता सरकार (महाराष्ट्र) नहीं, बल्कि हमारे न्यास की ओर से दी जाएगी.'

रामलला के दर्शन कर मुंबई लौटे उद्धव ठाकरे.

अस्थायी रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना करने से पहले ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, 'न्यास (राम मंदिर) के सदस्यों से हम विनम्रता से अनुरोध करते हैं कि वे राम भक्तों की ओर से यह छोटा सा योगदान स्वीकार करें.'

भाजपा शिवसेना की यह कहते हुए आलोचना करती रही है कि उसने महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद हिंदुत्व से मुंह फेर लिया है. इस बारे में पूछे जाने पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'भाजपा से हमारे रास्ते शायद अलग हो गए हैं लेकिन हिंदुत्व से नहीं. भाजपा और हिंदुत्व अलग-अलग हैं, भाजपा का मतलब हिंदुत्व नहीं है.'

उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए शिवसेना के खुले समर्थन का भी जिक्र किया जब उनके पिता बाला साहेब ठाकरे पार्टी के मुखिया थे.

उद्धव ने कहा, 'ऐसी ईंटें जिन पर ‘श्रीराम’ लिखा है, वे उन दिनों महाराष्ट्र से भेजी गई थीं. वे ईंटें आज भी यहां हो सकती हैं.'

उन्होंने कहा कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर सभी के लिए होगा और इसका निर्माण इतने बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए कि दुनियाभर के लोग इसे देखने आएं.

उनसे पूछा गया कि क्या वह मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘भगवान राम की जब भी इच्छा होगी, हम आएंगे.'

ठाकरे कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर आरती में शामिल नहीं हुए.

उन्होंने कहा, 'मैं आरती करना चाहता था...अगली बार जरूर करूंगा.'

वहीं शिवसेना सांसद राजन विचारे ने कहा, 'आज रामलला के दर्शन के बाद आत्म संतुष्टि हुई है. हिन्दुओं का गौरव वापस आ गया है. आज हमें बाला साहेब ठाकरे की बहुत याद आई.'

उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ने के बाद राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाया था, जो उसकी विचारधारा के विरोधी रहे हैं.

28 नवम्बर 2019 को पदभार संभालने वाले उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा न्यास के गठन की घोषणा करने के बाद अयोध्या का दौरा किया.

अयोध्या पहुंचे संजय राउत, कहा- भाजपा का शिवसेना से रिश्ता टूट चुका है

शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे की अयोध्या यात्रा से पहले शिवसेना के सदस्य गुरुवार को लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) से अयोध्या के लिए रवाना हुए थे.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18 कोच वाली विशेष रेलगाड़ी को किसी व्यक्ति विशेष ने आईआरसीटीसी के मार्फत मुंबई से अयोध्या और फिर वापसी के लिए बुक किया.

Last Updated : Mar 7, 2020, 10:53 PM IST
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