मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क पहनने का अनुरोध किया और सैन्य स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व कर्मियों, सेवानिवृत्त नर्सों से कोरोना वायरस के खिलाफ 'युद्ध' में शामिल होने की अपील की.
वेबकास्ट के जरिए राज्य को अपने संबोधन में ठाकरे ने अफसोस जताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को मुश्किलें हो रही हैं, लेकिन कहा कि 'हमारे पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है.'
कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों से सुरक्षित रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, 'लोग अभी जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलते समय और हालात ठीक होने के बाद के समय में भी घर में बनाए गए मास्क को पहनने की आदत डाल लें.'
रक्षा स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व कर्मियों, सेवाओं से अवकाशप्राप्त नर्सों, वार्ड ब्वाय तथा ऐसे लोग जो चिकित्सा सेवा में प्रशिक्षित हैं लेकिन उनके पास नौकरी नहीं है, उनसे उन्होंने अपील की कि वे कोरोना वायरस के खिलाफ 'युद्ध' में राज्य की मदद के लिए आगे आऐं.
उन्होंने कहा 'महाराष्ट्र को आपकी जरूरत है. जो लोग राज्य के लिए काम करना चाहते हैं उनके लिए उन्होंने एक ई-मेल साझा करते हुए कहा कि उसपर अपना संपर्क नंबर भेज सकते हैं.'
उन्होंने कहा कि हरेक वार्ड में कफ, जुकाम और बुखार जैसी दिक्कतें झेल रहे लोगों के लिए अलग-अलग-अलग क्लीनिक बनाए जाएंगे तथा 'कोविड अस्पताल' भी बनाए जाएंगे ताकि संक्रमण ना फैले.
उन्होंने कहा कि हल्के लक्षण वाले मरीजों का उपचार गंभीर लक्षण वाले मरीजों से अलग होगा.
उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर, मास्क और पीपीई किट की कमी दुनियाभर में है. यहां तक कि अमेरिका भी हमसे दवा मांग रहा है.
वर्तमान समय में मानवता को एकमात्र धर्म बताते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार पांच लाख से ज्यादा प्रवासी कामगारों को भोजन और आश्रय मुहैया करा रही है.
उन्होंने कहा कि अनाज मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की योजना, खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को केवल चावल वितरण के लिए है.
राज्य सरकार की आलोचना करने वाले भाजपा नेताओं का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कई लोगों को भ्रम है कि केंद्र की योजना सभी अनाज के लिए है. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चावल की आपूर्ति शुरू की जा चुकी है.
ठाकरे ने कहा कि एक लाख रुपये वार्षिक आय वालों को रियायती दर पर अनाज की आपूर्ति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है.
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 1,078 मामले सामने आ चुके हैं.