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जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल में भौगोलिक संकेत टैग पाने वाले कश्मीरी केसर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में उतारा है, ताकि पश्चिम एशिया में इसे बढ़ावा मिल सके.

जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा
जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा
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Published : Dec 10, 2020, 1:31 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 1:37 PM IST

श्रीनगरः देशभर में प्रसिद्ध जम्मू कश्मीर का केसर अब विदेशों में भी बखूबी अपनी पहचान बना रहा है. जीआई टैग मिलने के सात महीने बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीरी केसर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में उतारा है, ताकि पश्चिम एशिया में इसे बढ़ावा मिल सके.

भौगोलिक संकेत (जीआई) एक चिन्ह है, जिसका उपयोग उन उत्पादों पर किया जाता है, जो एक खास भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और इस मूल कारण के चलते उनमें कुछ विशिष्ट गुण होते हैं. कश्मीर में पैदा होने वाले केसर को जुलाई में जीआई टैग दिया गया था, जिसका उद्देश्य घाटी के ब्रांड को वैश्विक स्तर पर लाना है.

जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (कृषि) नवीन के चौधरी ने मंगलवार को यूएई-भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2020 में कश्मीरी केसर की पेशकश की.

पढ़ें : मोदी का नया कश्मीर मिशन, केसर की खेती से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

चौधरी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि पहली बार कश्मीरी केसर को यूएई के बाजार में पेश किया गया है.'

कश्मीरी केसर, जिसे उर्दू में 'जाफरान' भी कहा जाता है, कई औषधीय फायदों के साथ एक मसाले के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है. यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है.

चौधरी ने कहा कि जीआई प्रमाण पत्र मिलने के बाद पहली बार कश्मीरी केसर का निर्यात किया गया.

उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि इसका निर्यात दुबई और यूएई के दूसरे शहरों में और बढ़ेगा.'

श्रीनगरः देशभर में प्रसिद्ध जम्मू कश्मीर का केसर अब विदेशों में भी बखूबी अपनी पहचान बना रहा है. जीआई टैग मिलने के सात महीने बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीरी केसर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में उतारा है, ताकि पश्चिम एशिया में इसे बढ़ावा मिल सके.

भौगोलिक संकेत (जीआई) एक चिन्ह है, जिसका उपयोग उन उत्पादों पर किया जाता है, जो एक खास भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और इस मूल कारण के चलते उनमें कुछ विशिष्ट गुण होते हैं. कश्मीर में पैदा होने वाले केसर को जुलाई में जीआई टैग दिया गया था, जिसका उद्देश्य घाटी के ब्रांड को वैश्विक स्तर पर लाना है.

जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (कृषि) नवीन के चौधरी ने मंगलवार को यूएई-भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2020 में कश्मीरी केसर की पेशकश की.

पढ़ें : मोदी का नया कश्मीर मिशन, केसर की खेती से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

चौधरी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि पहली बार कश्मीरी केसर को यूएई के बाजार में पेश किया गया है.'

कश्मीरी केसर, जिसे उर्दू में 'जाफरान' भी कहा जाता है, कई औषधीय फायदों के साथ एक मसाले के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है. यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है.

चौधरी ने कहा कि जीआई प्रमाण पत्र मिलने के बाद पहली बार कश्मीरी केसर का निर्यात किया गया.

उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि इसका निर्यात दुबई और यूएई के दूसरे शहरों में और बढ़ेगा.'

Last Updated : Dec 10, 2020, 1:37 PM IST
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