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अफगानिस्तान में अपहृत दो प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी

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Published : Aug 29, 2020, 8:20 PM IST

अफगानिस्तान में 26 महीने पूर्व अपह्रत बगोदर इलाके के दो प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो गई है. घर वापस लौटे मजदूरों में घाघरा के प्रसादी महतो और माहुरी के हुलास महतो शामिल हैं.

migrant workers kidnapped in Afghanistan
दो प्रवासी मजदूरों की घर वापसी

रांची: 26 महीने पूर्व अफगानिस्तान में अपहृत बगोदर प्रखंड क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूरों की शनिवार को घर वापसी हो गई है. इससे परिजनों में उत्साह का माहौल है. साथ ही घर वापसी होने पर मजदूरों ने भी खुशी जताई है. रिहाई होने के बाद वापस लौटे मजदूरों में बगोदर के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के माहुरी निवासी हुलास महतो और बगोदर पश्चिमी पंचायत के घाघरा निवासी प्रसादी महतो शामिल हैं.

परिजनों में खुशी

मजदूरों ने बताया कि अपहरण के बाद सभी मजदूरों को एक ही कमरे में रखा जाता था और खाने- पीने के लिए खुद खाना बनाना पड़ता था. वापस लौटे मजदूरों से जरमुन्ने पश्चिमी के मुखिया संतोष रजक, बगोदर पश्चिमी के मुखिया लक्ष्मण महतो, जिपं सदस्य सरिता महतो, जिपं सदस्य पूनम महतो, उप प्रमुख सरिता साव, भाकपा माले नेता संदीप जायसवाल, पूरन कुमार महतो ने मुलाकात कर हालचाल जाना.

दो प्रवासी मजदूरों की घर वापसी

6 जून 2018 का मामला

6 जून 2018 को भारत के सात प्रवासी मजदूरों का अफगानिस्तान में अपहरण कर लिया गया था. इसमें माहुरी के हुलास महतो और घाघरा के प्रसादी महतो सहित झारखंड के चार मजदूर शामिल थे. अपहरण के 26 महीने बाद जब दोनों की रिहाई हुई तब शनिवार को अहले सुबह दोनों की घर वापसी हुई. दोनों की घर वापसी होने के बाद परिजनों में उत्साह देखते ही बन रहा था.


दो की पूर्व में हो चुकी है रिहाई
अफगानिस्तान में भारत के 7 के मजदूरों का अपहरण अफगानिस्तान में 26 महीने पूर्व हुआ था. इसमें झारखंड के चार मजदूर शामिल थे. इसमें दो की रिहाई पूर्व में हीं हो चुकी थी. पूर्व में रिहा हुए मजदूरों में बगोदर के घाघरा निवासी प्रकाश महतो और हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के बेडम निवासी काली महतो शामिल हैं.

सीएम ने की थी अपह्रत परिजनों की आर्थिक मदद
अफगानिस्तान में अपह्रत झारखंड के चारों प्रवासी मजदूरों के परिजनों को तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने आर्थिक सहयोग किया था. भाजयुमो के जिलाध्यक्ष आशिष कुमार उर्फ बोर्डर अपह्रत हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी सहित अन्य की मुलाकात सीएम से कराते हुए सहयोग की अपील की थी. इसके बाद सीएम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत प्रति परिवारों को एक- एक लाख रुपए सहयोग राशि मुहैया कराया था.

बगोदर से दिल्ली तक हुआ था आंदोलन
अफगानिस्तान में अपहृत मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर बगोदर से दिल्ली तक आंदोलन हुआ था. तत्कालीन पूर्व विधायक (अब वर्तमान) विनोद कुमार सिंह दिल्ली में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. आंदोलन के माध्यम से मजदूरों की रिहाई और सकुशल वतन वापसी की मांग की जा रही थी. अपह्रत मजदूर हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी भी आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचकर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर अपने पति सहित अपह्रत मजदूरों की रिहाई की मांग की थी. विदेश मंत्री ने आश्वासन भी दिया था.

रांची: 26 महीने पूर्व अफगानिस्तान में अपहृत बगोदर प्रखंड क्षेत्र के दो प्रवासी मजदूरों की शनिवार को घर वापसी हो गई है. इससे परिजनों में उत्साह का माहौल है. साथ ही घर वापसी होने पर मजदूरों ने भी खुशी जताई है. रिहाई होने के बाद वापस लौटे मजदूरों में बगोदर के जरमुन्ने पश्चिमी पंचायत के माहुरी निवासी हुलास महतो और बगोदर पश्चिमी पंचायत के घाघरा निवासी प्रसादी महतो शामिल हैं.

परिजनों में खुशी

मजदूरों ने बताया कि अपहरण के बाद सभी मजदूरों को एक ही कमरे में रखा जाता था और खाने- पीने के लिए खुद खाना बनाना पड़ता था. वापस लौटे मजदूरों से जरमुन्ने पश्चिमी के मुखिया संतोष रजक, बगोदर पश्चिमी के मुखिया लक्ष्मण महतो, जिपं सदस्य सरिता महतो, जिपं सदस्य पूनम महतो, उप प्रमुख सरिता साव, भाकपा माले नेता संदीप जायसवाल, पूरन कुमार महतो ने मुलाकात कर हालचाल जाना.

दो प्रवासी मजदूरों की घर वापसी

6 जून 2018 का मामला

6 जून 2018 को भारत के सात प्रवासी मजदूरों का अफगानिस्तान में अपहरण कर लिया गया था. इसमें माहुरी के हुलास महतो और घाघरा के प्रसादी महतो सहित झारखंड के चार मजदूर शामिल थे. अपहरण के 26 महीने बाद जब दोनों की रिहाई हुई तब शनिवार को अहले सुबह दोनों की घर वापसी हुई. दोनों की घर वापसी होने के बाद परिजनों में उत्साह देखते ही बन रहा था.


दो की पूर्व में हो चुकी है रिहाई
अफगानिस्तान में भारत के 7 के मजदूरों का अपहरण अफगानिस्तान में 26 महीने पूर्व हुआ था. इसमें झारखंड के चार मजदूर शामिल थे. इसमें दो की रिहाई पूर्व में हीं हो चुकी थी. पूर्व में रिहा हुए मजदूरों में बगोदर के घाघरा निवासी प्रकाश महतो और हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के बेडम निवासी काली महतो शामिल हैं.

सीएम ने की थी अपह्रत परिजनों की आर्थिक मदद
अफगानिस्तान में अपह्रत झारखंड के चारों प्रवासी मजदूरों के परिजनों को तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने आर्थिक सहयोग किया था. भाजयुमो के जिलाध्यक्ष आशिष कुमार उर्फ बोर्डर अपह्रत हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी सहित अन्य की मुलाकात सीएम से कराते हुए सहयोग की अपील की थी. इसके बाद सीएम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत प्रति परिवारों को एक- एक लाख रुपए सहयोग राशि मुहैया कराया था.

बगोदर से दिल्ली तक हुआ था आंदोलन
अफगानिस्तान में अपहृत मजदूरों की रिहाई की मांग को लेकर बगोदर से दिल्ली तक आंदोलन हुआ था. तत्कालीन पूर्व विधायक (अब वर्तमान) विनोद कुमार सिंह दिल्ली में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. आंदोलन के माध्यम से मजदूरों की रिहाई और सकुशल वतन वापसी की मांग की जा रही थी. अपह्रत मजदूर हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी भी आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचकर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात कर अपने पति सहित अपह्रत मजदूरों की रिहाई की मांग की थी. विदेश मंत्री ने आश्वासन भी दिया था.

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