रांची : झारखंड के चतरा जिले में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के नक्सली के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है. पांच लाख का इनामी सबजोनल कमांडर उदेश गंझू ने अमेरिकन मेड सेमी रायफल और 150 राउंड कारतूस के साथ आत्मसमर्पण किया है.
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी ऋषभ झा, सीआरपीएफ 190 बटालियन के कमांडेंट पवन बासन और एएसपी अभियान निगम प्रसाद के समक्ष आत्मसमर्पण किया. वहीं एसपी ने समर्पण नीति के तहत राज्य सरकार के घोषित इनाम की पांच लाख की राशि का चेक उदेश की पत्नी को सौंपा.
मिली घोषित इनाम की राशि
मौके पर एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने नक्सलवाद और अपराध का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो रहे सब जोनल कमांडर का बुके (पुष्पगुच्छ) देकर स्वागत किया. इसके साथ ही सरकार के आत्मसमर्पण नीति के तहत सब जोनल कमांडर पर राज्य सरकार के घोषित इनाम की राशि पांच लाख रुपये का चेक भी सौंपा. आत्मसमर्पण के बाद एसपी ने कहा कि मुख्यधारा में शामिल हो रहे सब जोनल कमांडर के बच्चों की शिक्षा समेत अन्य सरकारी नीति के तहत योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द इनके परिजनों को दिया जाएगा.
उद्देश्य से भटक चुके हैं नक्सली
वहीं, नक्सली सब जोनल कमांडर उदेश ने कहा की नक्सली अब अपने उद्देश्य से भटक चुके हैं. बहला-फुसलाकर अपने संगठन में तो शामिल करा लेते हैं लेकिन बाद में संगठन का झंडा ढोने वाले नक्सलियों की जिंदगी बद से बदतर हो जाती है. ऐसे में पुलिस की आत्मसमर्पण नीति वह जिले के अधिकारियों से बातचीत के बाद उसने अपराध का रास्ता त्यागा है. आत्मसमर्पण करने के बाद सब जोनल कमांडर ने अन्य नक्सलियों से भी सरकार के समर्पण नीति का लाभ उठाते हुए मुख्य धारा में शामिल होने की अपील की है.
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आठ नक्सली मामले दर्ज
लावालौंग थाना क्षेत्र के सीलदाग गांव निवासी टीएसपीसी सब जोनल कमांडर उदेश गंझु विगत 15 सालों से संगठन में सक्रिय था. इस दौरान उसने अपने कार्यक्षेत्र चतरा, लातेहार और पलामू जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अपने दस्ते के साथ एक दर्जन से अधिक दुर्दांत नक्सली वारदातों को अंजाम दिया था. इसके खिलाफ तीनों जिले में आठ नक्सली मामले दर्ज है. जबकि अन्य जिलों में दर्ज मामलों की पड़ताल पुलिस कर रही है.
अन्य नक्सलियों से भी मुख्यधारा में शामिल होने की अपील
एसपी ने भी अन्य नक्सलियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विश्वास है अपराध का रास्ता त्याग कर समाज से जुड़ जाएं वरना उनका अंजाम बुरा होगा. पुलिस नक्सलवाद का रास्ता अपनाने वाले नक्सलियों से सख्ती से निपटेगी.