नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी भारत यात्रा को लेकर वरिष्ठ रक्षा विशेषज्ञ डॉ राजीव नयन ने गुरुवार को कहा है कि ट्रंप की यह यात्रा पाकिस्तान द्वारा की जा रही आतंकी गतिविधियों के खात्मे के लिए एक मजबूत संदेश दे सकती हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ नयन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पिछली बैठक में, पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया था था कि उसे (पाकिस्तान ) को अपने आतंकी गतिविधियों को खत्म करना होगा नहीं तो उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इस दिशा में और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, लेकिन यह यात्रा निश्चित रूप से एक संदेश यह भी देगी कि पाकिस्तान के पास विदेश नीति का कोई खाका नहीं है.
बता दें कि डॉ राजीव नयन नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (आईडीएसए) में एक वरिष्ठ शोध सहयोगी हैं.
डॉ नयन ने कहा कि ट्रंप की दो दिवसीय यात्रा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी. हम दोनों देशों के बीच प्रमुख व्यापार और रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वर्षों से दोनों देशों के बीच का गहरा संबंध रहा है. यह प्रकृति में बहुक्षेत्रीय और बहुआयामी बन गया है. यह रिश्ता व्यापार से वाणिज्य तक, रणनीतिक से रक्षा और संस्कृति से लोगों से लोगों के बीच संपर्क से शुरू होता है.
डॉ नयन ने कहा कि भारत कठिन दौर से गुजर रहा है और वह अमेरिका से अपना पक्ष रखने की उम्मीद कर रहा है. वह (ट्रंप) अपनी भारत यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित हैं और पिछले कुछ दिनों में बयानों से यह दिखाई देता है.
वहीं ट्रंप के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा थी कि वह भारत के साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेंगे. इस मामले पर डॉ नयन ने कहा कि 70,80 , और 90 के दशक और पोखरण में परमाणु परीक्षणों के बाद भी, दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत थे. प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी दोनों देशों के नेताओं ने अपने संवाद जारी रखे.
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नयन ने कहा अमेरिका ने दक्षिण एशिया में चीन के उभरने के कारण अमेरिका ने भारत के महत्व को महसूस किया है. अमेरिका ने अपनी सेनाओं से भारत के साथ काम करने को कहा है .इसलिए धीरे-धीरे जब 2001 में भारत से प्रतिबंध हटा लिए गए, तो अन्य सहयोगी भी लाइन में लग गए
उन्होंने कहा कि भारत को पहली बड़ी सफलता 2005 में मिली, जब भारत और अमेरिका ने रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए और भारत-अमेरिका परमाणु समझौता भी किया. दोनों देशों ने रणनीतिक भागीदारी (NSSP) में पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ हुए.
इसके अलावा वह अंतरिक्ष मामले और अन्य मुद्दों पर सहयोग करने के लिए भी सहमत हुए. इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध गहरे हुए हैं. भारत को विभिन्न आयामों में अमेरिका का समर्थन मिलता रहा है.
डॉ नयन ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अन्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों के लिए भारत का समर्थन कर रहा है. आतंकवाद से लड़ने में दोनों देशों के बीच समझ और संबंध दोनों देशों द्वारा लिया गया एक और महत्वपूर्ण संकल्प है.
डॉ नयन ने कहा कि भारत चाहता है कि अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाए, जो आतंकवाद में लिप्त है.उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की आगामी भारत यात्रा नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनके लिए राजनीतिक भाग्य ला सकती है