हैदराबाद : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव-2020 के नतीजों का इंतजार लंबा हो सकता है. कांटे की टक्कर के बीच निवर्तमान राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार जो बाइडेन में से कोई भी हार स्वीकार करने को तैयार नहीं है. दोनों उम्मीदवार इस चुनाव को अमेरिका की सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने की तैयारी में भी हैं. यह बात ट्रंप और बाइडेन के दावों से साफ है. अमेरिका में चुनाव बाद हिंसा की आशंका भी जताई जा रही है.
ट्रंप और बाइडेन के दावे
ट्रंप ने बुधवार सुबह ट्वीट किया कि डेमोक्रेट चुनाव को 'चोरी' करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. मतदान बंद होने के बाद वोट नहीं डाले जा सकते हैं. ट्रंप का आरोप है कि डेमोक्रेट के पक्ष में मतपत्रों के लिए नियमों में ढील दी गई है. दिन की शुरूआत में ही अपने सहयोगियों से चर्चा करते हुए ट्रंप ने कहा कि पेंसिल्वेनिया की गिनती अदालतों में बहुत अच्छी तरह से हो सकती है. साल 2000 के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए ट्रंप ने याद दिलाया कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोरिडा में दोबारा मतगणना पर रोक लगा दी थी और डेमोक्रेटिक अल गोर के खिलाफ रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉर्ज डब्ल्यू बुश के पक्ष मे फैसला सुनाया था. वहीं समर्थकों के बीच भाषण देते जो बाइडेन ने कहा कि हमें लग रहा कि हम जीतने जा रहे हैं. विस्कॉन्सिन और मिशिगन को लेकर खुश हैं. चुनाव तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक कि हर एक बैलट गिन नहीं लिया जाता.
डाक से आए मतपत्रों के कारण लग रहा वक्त
अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए सबसे अधिक मत हासिल करना जरूरी नहीं है. दोनों उम्मीदवार इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत के आंकड़े यानी 270 को पार करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. अभी तक बाइडेन 238 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं और ट्रंप 213 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं. इस बार पहले हुए चुनावों के मुकाबले कई लाख लोगों ने डाक के जरिए मतदान किया है. डाक से आए मतपत्रों को गिनने में अधिक समय लग सकता है और कुछ प्रांतों में तो मतदान शुरू होने के बाद ही डाक से आए मतपत्रों की गिनती होगी. डाक मतदान में हुए अप्रत्याशित इजाफे की वजह से शुरू में आगे चल रहा उम्मीदवार पिछड़ भी सकता है. यही कारण है कि ट्रंप और बाइडेन की जीत को लेकर कोई तस्वीर अब तक साफ नहीं हुई है.
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पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, मिशिगन और उत्तर कैरोलिना पर नजर
इस बार बड़ी बात यह रही कि ट्रंप 38 इलेक्टर्स वाले टेक्सास और 29 इलेक्टर्स वाले सबसे अहम स्विंग स्टेट फ्लोरिडा में जीत बरकरार रखने में कामयाब रहे. अमेरिका के चुनाव में कहा जाता है कि फ्लोरिडा में जो जीतता है, वही ह्वाइट हाउस पहुंचता है. अमेरिका का 100 साल का इतिहास यही कहता है. एक तरह से कहें तो फ्लोरिडा अमेरिका में भारत के उत्तर प्रदेश की हैसियत रखता है. इसके साथ ही 20 इलेक्टर्स वाले पेंसिल्वेनिया, 16 इलेक्टर्स वाले जॉर्जिया, 16 इलेक्टर्स वाले मिशिगन और 15 इलेक्टर्स वाले उत्तर कैरोलिना में ट्रंप फिलहाल जो बाइडेन से आगे हैं. अगर ट्रंप इनमें जीत दर्ज कर लेते हैं, तो फिर वह आसानी से राष्ट्रपति चुनाव-2020 जीत जाएंगे.
समझें अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है. इसका यही मतलब है कि कुछ इलाकों या वोटरों की अहमियत दूसरे इलाकों या वोटरों से ज्यादा साबित होती है. अमेरिका में आबादी के हिसाब से हर प्रांत के वोट निर्धारित होते हैं. जो उम्मीदवार जिस इलाके का सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट हासिल कर लेता है, अमूमन वही सारे इलेक्टोरल वोट ले जाता है.