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स्क्रैप चैनल नहीं, अब हरकी पैड़ी पर बहने वाली धारा का नाम होगा गंगा

हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल घोषित किए जाने का लगातार हो रहे विरोध के बाद आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार ने गंगा को स्कैप चैनल के शासनादेश को निरस्त कर दिया है. इससे हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को फिर पुराना स्वरूप मिल पाएगा.

शासनादेश रद्द करने की घोषणा करते सीएम.
शासनादेश रद्द करने की घोषणा करते सीएम.
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Published : Nov 22, 2020, 4:12 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने आज गंगा को स्कैप चैनल बताने के शासनादेश को लेकर बड़ा फैसला लिया है. तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने जिस हरिद्वार की गंगा को अपने शासनादेश में स्कैप चैनल घोषित किया था, आज उस शासनादेश को त्रिवेंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. सरकार इसका नोटिफिकेशन कल जारी करेगी. बता दें कि ईटीवी भारत ने इसके कयास पहले ही लगा लिए थे, जिस पर मुहर लग गई है.

बता दें कि, इससे हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को फिर अपना पुराना स्वरूप मिल पाएगा. दरअसल, साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल के रूप में बदलने का एक आदेश जारी किया था, जिसे आज मुख्यमंत्री ने निरस्त कर दिया है.

पढ़ें-खुशखबरी: उत्तराखंड में 84 हजार बेघरों को 2022 तक मिलेंगे मकान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपने आवास पर गंगा सभा के पदाधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान उन्हें इस आदेश को निरस्त किए जाने की जानकारी दी. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जोकि हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था.

संत समाज और पुरोहितों ने विरोध किया था

कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा से दो सौ मीटर के दायरे में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. साल 2016 में हरीश रावत सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था. तब से इस पर विवाद होता रहा है. हरीश रावत सरकार के इस फैसले का उस समय भी उस समय संत समाज और तीर्थ पुरोहितों ने पुरजोर विरोध किया था. उसके बाद 2017 में बीजेपी की सरकार बनी, लोगों की उम्मीद जगी थी की सरकार इस अध्यादेश को रद्द करेगी. लेकिन सरकार ने इस दिशा में आश्वासन देने के बजाय कुछ नहीं किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गंगा का नाम बदलने को गलती मानते हुए साधु संतों से माफी मांग चुके हैं.

देहरादून : उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने आज गंगा को स्कैप चैनल बताने के शासनादेश को लेकर बड़ा फैसला लिया है. तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने जिस हरिद्वार की गंगा को अपने शासनादेश में स्कैप चैनल घोषित किया था, आज उस शासनादेश को त्रिवेंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है. सरकार इसका नोटिफिकेशन कल जारी करेगी. बता दें कि ईटीवी भारत ने इसके कयास पहले ही लगा लिए थे, जिस पर मुहर लग गई है.

बता दें कि, इससे हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को फिर अपना पुराना स्वरूप मिल पाएगा. दरअसल, साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल के रूप में बदलने का एक आदेश जारी किया था, जिसे आज मुख्यमंत्री ने निरस्त कर दिया है.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपने आवास पर गंगा सभा के पदाधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान उन्हें इस आदेश को निरस्त किए जाने की जानकारी दी. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जोकि हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था.

संत समाज और पुरोहितों ने विरोध किया था

कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा से दो सौ मीटर के दायरे में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी. साल 2016 में हरीश रावत सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था. तब से इस पर विवाद होता रहा है. हरीश रावत सरकार के इस फैसले का उस समय भी उस समय संत समाज और तीर्थ पुरोहितों ने पुरजोर विरोध किया था. उसके बाद 2017 में बीजेपी की सरकार बनी, लोगों की उम्मीद जगी थी की सरकार इस अध्यादेश को रद्द करेगी. लेकिन सरकार ने इस दिशा में आश्वासन देने के बजाय कुछ नहीं किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गंगा का नाम बदलने को गलती मानते हुए साधु संतों से माफी मांग चुके हैं.

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