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त्रिपुरा राजनीतिक हिंसा : सभी मामलों की जांच के लिये समिति का गठन - Chief Minister Biplab Kumar Deb

त्रिपुरा की भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने राजनीतिक हिंसा के उन सभी मामलों की जांच का फैसला किया है जिनमें बहुत समय पहले राजनीतिक हिंसा के चलते पीड़ितों की मौत हुई थी. जानिए क्या है पूरा मामला...

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देवविप्लव
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Published : Jun 8, 2019, 6:11 PM IST

Updated : Jun 8, 2019, 8:31 PM IST

अगरतला: त्रिपुरा की भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने राजनीतिक हिंसा के उन सभी मामलों की जांच का फैसला किया है. जिनमें मृतकों के परिवार अपराधियों को सजा देने के लिये उचित जांच की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि बहुत समय पहले राजनीतिक हिंसा के चलते पीड़ितों की मौत हुई थी.

अधिसूचना के अनुसार सरकार ने कानून मंत्री रतन लाल नाथ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो जांच पूरी होने के बाद अपनी अनुशंसाएं देगी.

नाथ के अलावा कानून विभाग के प्रधान सचिव डी एम जमाटिया को सदस्य और गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव देवेन्द्र रियांग को संयोजक के रूप में समिति में शामिल किया गया है.

हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में हार के साथ 25 साल बाद सत्ता से बाहर हुई माकपा ने इस फैसले पर चिंता जताई है. पार्टी की राज्य समिति के सदस्य पबित्र कार ने कहा कि समिति का गठन पार्टी के सदस्यों को प्रताड़ित करने के लिये किया गया है और यह बीते एक साल में हुई हिंसक घटनाओं की जांच नहीं करेगी.

पढ़ें: कांग्रेस का आरोप, हरियाणा जमीन घोटाले में बाबा रामदेव भी शक के दायरे में

रियांग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'राज्य सरकार ने उन सभी मामलों की जांच का फैसला किया है जिनमें बहुत समय पहले राजनीतिक हिंसा के चलते पीड़ितों की मौत हुई थी पीड़ितों के परिवार के सदस्य इन मामलों में उचित जांच की मांग कर रहे हैं ताकि कानूनों के प्रावधानों के तहत वास्तविक अपराधियों को सजा दी जा सके.'

अगरतला: त्रिपुरा की भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने राजनीतिक हिंसा के उन सभी मामलों की जांच का फैसला किया है. जिनमें मृतकों के परिवार अपराधियों को सजा देने के लिये उचित जांच की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि बहुत समय पहले राजनीतिक हिंसा के चलते पीड़ितों की मौत हुई थी.

अधिसूचना के अनुसार सरकार ने कानून मंत्री रतन लाल नाथ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो जांच पूरी होने के बाद अपनी अनुशंसाएं देगी.

नाथ के अलावा कानून विभाग के प्रधान सचिव डी एम जमाटिया को सदस्य और गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव देवेन्द्र रियांग को संयोजक के रूप में समिति में शामिल किया गया है.

हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में हार के साथ 25 साल बाद सत्ता से बाहर हुई माकपा ने इस फैसले पर चिंता जताई है. पार्टी की राज्य समिति के सदस्य पबित्र कार ने कहा कि समिति का गठन पार्टी के सदस्यों को प्रताड़ित करने के लिये किया गया है और यह बीते एक साल में हुई हिंसक घटनाओं की जांच नहीं करेगी.

पढ़ें: कांग्रेस का आरोप, हरियाणा जमीन घोटाले में बाबा रामदेव भी शक के दायरे में

रियांग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'राज्य सरकार ने उन सभी मामलों की जांच का फैसला किया है जिनमें बहुत समय पहले राजनीतिक हिंसा के चलते पीड़ितों की मौत हुई थी पीड़ितों के परिवार के सदस्य इन मामलों में उचित जांच की मांग कर रहे हैं ताकि कानूनों के प्रावधानों के तहत वास्तविक अपराधियों को सजा दी जा सके.'

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PRI ERG ESPL NAT
.AGARTALA CES6
TR-VIOLENCE-COMMITTEE
Tripura forms panel to examine all political violence cases
         Agartala, Jun 8 (PTI) Tripura's BJP-IPFT government
has decided to examine all cases of political violence in
which family members of those killed are seeking proper
investigation so that culprits are punished.
         The government has formed a three-member probe
committee headed by Law Minister Ratan Lal Nath which will
provide its recommendations after completion of the
investigations, a government notification said.
         Besides Nath, the panel has Law Department Principal
Secretary DM Jamatia as a member and Home department
Additional Secretary Devananda Reang as the convener.
         However, the CPI(M), which was at the helm in the
state for 25 years before the BJP-led government came to power
in March 2018, is apprehending that the panel was formed to
harass the party members and will not look into the incidents
of violence that took place in the past one year.
         "The state government has decided to examine all cases
in which the victims died due to political violence long
before and the family members of the victims are claiming for
proper investigation of these cases so that the actual
culprits are punished as per provision of law," said the
notification issued by Reang on Thursday.
         Chief Minister Biplab Kumar Deb had appealed to all
parties in the state to stop violence and said his government
would take stern action against the perpetrators irrespective
of their political identity.
         He had said 186 cases of violence was registered in
the state after the Election Commission announced the Lok
Sabha election schedule in March.
         During the 2013 and 2018 Assembly elections, when the
CPI(M) was in power, a total of 245 and 439 cases of poll-
related violence were registered respectively, he had said.
         Deb's statement came after CPI(M) leader and former
chief minister Manik Sarkar met him on May 28 and urged him to
stop violence allegedly unleashed by BJP supporters since the
BJP-IPFT government came to power.
         CPI(M) state committee member Pabitra Kar Saturday
claimed that this committee was formed to harass its workers.
         "We also do not think that the recent cases of
violence will come under the ambit of the committee. Unchecked
terror by BJP supporters are continuing in the state," said
Kar, also secretary of CPI(M) West Tripura district committee.
PTI JOY
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06081430
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Last Updated : Jun 8, 2019, 8:31 PM IST
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