कोच्चि : उत्तरी केरल के नीलांबर वन में पिछले सप्ताह एक विलुप्त होते आदिवासी समूह की 38 वर्षीय महिला और उसके नवजात शिशु की मौत हो गई क्योंकि महिला के परिवार के सदस्यों ने स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह के बावजूद चिकित्सा सहायता प्राप्त नहीं की. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
नीलांबुर में करुलई के पास के वन में करीब 10 किलोमीटर अंदर स्थित मन्नाला में यह घटना सामने आई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आदिवासी महिला निशा की मौत के दो दिन बाद पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस घटना की जानकारी मिली.
परिवार ने नहीं दी पुलिस को सूचना
उन्होंने बताया कि गत गुरुवार को प्रसव संबंधी जटिलताओं के चलते बच्चे को जन्म देते ही निशा की मौत हो गई. उसके दो बच्चे हैं. पुलिस ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचना नहीं दी और ना ही महिला को अस्पताल लेकर गए. वे लोग इसे प्राकृतिक मौत मान रहे हैं.
महिला को वन में ही दफना दिया
महिला की मौत के तत्काल बाद समुदाय के लोगों ने उसे वन में ही दफना दिया. इस मामले की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य अधिकारी शनिवार को मन्नाला पहुंचे. सूत्र ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने उस समय नवजात शिशु की जांच की, जो कि अपनी दादी के पास था.
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नवजात को भी वन में ही दफनाया
उन्होंने कहा, लेकिन दो दिन बाद नवजात शिशु की मौत होने की सूचना मिली. सूचना के मुताबिक, नवजात को भी वन में ही दफना दिया गया. सूत्रों ने बताया कि शिशु बहुत कमजोर नहीं था और उसकी मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया क्योंकि उसका भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया.
उन्होंने बताया कि गत बुधवार को वन में जांच शिविर के दौरान महिला की जांच के बाद उसे बृहस्पतिवार को अस्पताल आने को कहा गया था.