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पंजाब में रेल रोको प्रदर्शन शुरू, कई ट्रेनें निरस्त - गोल्डेन टेम्पल मेल

रेल अधिकारियों ने बताया कि किसानों के तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन के कारण 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी.

रेल रोको प्रदर्शन
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Published : Sep 24, 2020, 7:09 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब में तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ बृहस्पतिवार से किसानों ने तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और इसी के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया.

रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी. उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई मध्य), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नयी दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाइगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं.

किसानों का रेल रोको प्रदर्शन.

मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबित हैं. रेल रोको प्रदर्शन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने आहूत किया और बाद में अलग-अलग किसान संगठनों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है.

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर में बृहस्पतिवार सुबह रेल पटरियों पर बैठ गए. वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अमृतसर के देवीदासपुर और फिरोजपुर के बस्ती टांका वाला में रेल पटरियों पर बैठने का निर्णय लिया है.

समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के कई तबकों से समर्थन मिल रहा है.

समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा न लें.

कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं और उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया है, जिन्होंने इन विधेयकों के समर्थन में मतदान किया. कुल 31 किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है.

पंजाब में किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि इन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वह बड़े पूंजीपतियों पर निर्भर हो जाएंगे.

राज्य सभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020, किसान उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक 2020 तथा किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन का समझौता एवं कृषि सेवा विधेयक 2020 पारित हो चुका है.

जरूरी सामानों व खाद्यान्नों की आवाजाही पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

रेलवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में चल रहे रेल रोको आंदोलन से खाद्यानों तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई के साथ-साथ विशेष ट्रेनों के जरिये यात्रियों की आवाजाही पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

अधिकारियों ने यहां कहा कि पंजाब में इस साल अगस्त में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का 990 रेक खाद्यान्न का लदान किया गया. इसके अलावा 23 सितंबर तक 816 रेक लदान किया जा चुका है. एफसीआई पंजाब से रोजाना 35 से अधिक रेक लदान करा रहा है.

उन्होंने कहा कि पंजाब में रोजाना 9-10 रेक उर्वरक, सीमेंट, ऑटो और मिश्रित खाद्य सामग्री कंटेनरों में लादी जा रही है. इसके अलावा राज्य में रोजाना 20 रेक कोयला, खाद्यान्न, कृषि उत्पाद, मशीनरी पेट्रोलियम उत्पाद लाए जाते हैं.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा पंजाब रेल आंदोलन से खाद्यान्नों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इससे आम लोगों, तेजी से उबर रही रेलवे माल ढुलाई सेवा तथा अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.

चंडीगढ़ : पंजाब में तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ बृहस्पतिवार से किसानों ने तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन शुरू किया और इसी के मद्देनजर फिरोजपुर रेल संभाग ने विशेष ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया.

रेल अधिकारियों ने बताया कि 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी. उन्होंने बताया कि यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि गोल्डेन टेम्पल मेल (अमृतसर-मुंबई मध्य), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नयी दिल्ली-जम्मू तवी, कर्मभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाइगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) निलंबित ट्रेनों की सूची में शामिल हैं.

किसानों का रेल रोको प्रदर्शन.

मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबित हैं. रेल रोको प्रदर्शन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने आहूत किया और बाद में अलग-अलग किसान संगठनों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है.

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर में बृहस्पतिवार सुबह रेल पटरियों पर बैठ गए. वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अमृतसर के देवीदासपुर और फिरोजपुर के बस्ती टांका वाला में रेल पटरियों पर बैठने का निर्णय लिया है.

समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और श्रमिकों के कई तबकों से समर्थन मिल रहा है.

समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे किसानों के प्रदर्शन में हिस्सा न लें.

कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं और उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया है, जिन्होंने इन विधेयकों के समर्थन में मतदान किया. कुल 31 किसान संगठनों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को पंजाब में पूर्ण बंद का आह्वान किया है.

पंजाब में किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि इन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करने का रास्ता साफ हो जाएगा और वह बड़े पूंजीपतियों पर निर्भर हो जाएंगे.

राज्य सभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020, किसान उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक 2020 तथा किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन का समझौता एवं कृषि सेवा विधेयक 2020 पारित हो चुका है.

जरूरी सामानों व खाद्यान्नों की आवाजाही पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

रेलवे ने बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर पंजाब में चल रहे रेल रोको आंदोलन से खाद्यानों तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई के साथ-साथ विशेष ट्रेनों के जरिये यात्रियों की आवाजाही पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

अधिकारियों ने यहां कहा कि पंजाब में इस साल अगस्त में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का 990 रेक खाद्यान्न का लदान किया गया. इसके अलावा 23 सितंबर तक 816 रेक लदान किया जा चुका है. एफसीआई पंजाब से रोजाना 35 से अधिक रेक लदान करा रहा है.

उन्होंने कहा कि पंजाब में रोजाना 9-10 रेक उर्वरक, सीमेंट, ऑटो और मिश्रित खाद्य सामग्री कंटेनरों में लादी जा रही है. इसके अलावा राज्य में रोजाना 20 रेक कोयला, खाद्यान्न, कृषि उत्पाद, मशीनरी पेट्रोलियम उत्पाद लाए जाते हैं.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा पंजाब रेल आंदोलन से खाद्यान्नों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इससे आम लोगों, तेजी से उबर रही रेलवे माल ढुलाई सेवा तथा अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.

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