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अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध से भारत मालामाल

कोविड 19 की वजह से कई उद्योग और व्यवसाय बंद हो गए हैं. हालांकि, रत्न और आभूषणों का निर्यात दोगुना हो गया है. इसका एक कारण यह है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण भारत को रत्न और आभूषणों के अधिक ऑर्डर मिले हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

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Published : Dec 20, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 5:01 PM IST

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रत्न

सूरत : कोविड 19 महामारी के बीच भारत का रत्न और आभूषण निर्यात दोगुना हो गया है. क्रिसमस के दौरान, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण भारत का रत्न और आभूषण कारोबार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. भारत पॉलिश किए गए हीरों का केंद्र है, जबकि चीन और हांगकांग आभूषण निर्माण के हब हैं. अमेरिका दुनिया में 70 फीसदी से अधिक आभूषणों की खपत करता है. अमेरिका के 70 फीसदी से ज्यादा आभूषण भारत, चीन और हांगकांग से आते हैं. अमेरिका, यूरोप और यूएई में रत्न और आभूषणों की खूब मांग है.

देखें हीरे की तराशी का काम

मेरी क्रिसमस का समय

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष दिनेश नवदिया ने ईटीवी भारत को बताया कि रत्न और आभूषण उद्योग को कोरोनो वायरस महामारी की शुरुआत से बढ़ावा मिलने लगा. भारत के लिए यह मेरी क्रिसमस का समय है. क्रिसमस के दौरान अमेरिका और अन्य देशों से हीरे के आभूषणों की अधिक मांग है.

अमेरिका से खूब काम मिला

कोविड 19 की अवधि के दौरान, अमेरिका ने चीन के साथ व्यापार युद्ध के कारण अपने उत्पादों पर 7 प्रतिशत अधिक शुल्क लगाया है. इसके कारण हांगकांग या चीन से हीरे के आभूषण 7 फीसदी महंगे हो गए. दूसरी ओर, अमेरिका भारत से आने वाले उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगाता है. इससे भारतीय रत्नों और आभूषण उद्योग को सीधे लाभ हुआ है. सूरत में अकेले सचिन के विशेष आर्थिक क्षेत्र में 22 रत्न और आभूषण विनिर्माण इकाइयां हैं, जो पिछले तीन महीनों से काम कर रही हैं. इसके अलावा, रत्न और आभूषण क्षेत्र के कारोबार में 400 से अधिक स्थानीय कंपनियां हैं. इन इकाइयों को अमेरिका से खूब काम मिला है. नवंबर 2019 में भारत ने 620 मिलियन डॉलर के मूल्य के कटे हुए और पॉलिश किए हुए हीरे का निर्यात किया, जो कि नवंबर 2020 में कोविड 19 संकट के बावजूद बढ़कर 1,192 मिलियन डॉलर हो गया.

सूरत : कोविड 19 महामारी के बीच भारत का रत्न और आभूषण निर्यात दोगुना हो गया है. क्रिसमस के दौरान, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण भारत का रत्न और आभूषण कारोबार नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. भारत पॉलिश किए गए हीरों का केंद्र है, जबकि चीन और हांगकांग आभूषण निर्माण के हब हैं. अमेरिका दुनिया में 70 फीसदी से अधिक आभूषणों की खपत करता है. अमेरिका के 70 फीसदी से ज्यादा आभूषण भारत, चीन और हांगकांग से आते हैं. अमेरिका, यूरोप और यूएई में रत्न और आभूषणों की खूब मांग है.

देखें हीरे की तराशी का काम

मेरी क्रिसमस का समय

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष दिनेश नवदिया ने ईटीवी भारत को बताया कि रत्न और आभूषण उद्योग को कोरोनो वायरस महामारी की शुरुआत से बढ़ावा मिलने लगा. भारत के लिए यह मेरी क्रिसमस का समय है. क्रिसमस के दौरान अमेरिका और अन्य देशों से हीरे के आभूषणों की अधिक मांग है.

अमेरिका से खूब काम मिला

कोविड 19 की अवधि के दौरान, अमेरिका ने चीन के साथ व्यापार युद्ध के कारण अपने उत्पादों पर 7 प्रतिशत अधिक शुल्क लगाया है. इसके कारण हांगकांग या चीन से हीरे के आभूषण 7 फीसदी महंगे हो गए. दूसरी ओर, अमेरिका भारत से आने वाले उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगाता है. इससे भारतीय रत्नों और आभूषण उद्योग को सीधे लाभ हुआ है. सूरत में अकेले सचिन के विशेष आर्थिक क्षेत्र में 22 रत्न और आभूषण विनिर्माण इकाइयां हैं, जो पिछले तीन महीनों से काम कर रही हैं. इसके अलावा, रत्न और आभूषण क्षेत्र के कारोबार में 400 से अधिक स्थानीय कंपनियां हैं. इन इकाइयों को अमेरिका से खूब काम मिला है. नवंबर 2019 में भारत ने 620 मिलियन डॉलर के मूल्य के कटे हुए और पॉलिश किए हुए हीरे का निर्यात किया, जो कि नवंबर 2020 में कोविड 19 संकट के बावजूद बढ़कर 1,192 मिलियन डॉलर हो गया.

Last Updated : Dec 20, 2020, 5:01 PM IST
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