चंडीगढ़ः देश में पहले जब भी आपराधिक ग्राफ बढ़ने की बात होती थी, तो यूपी और बिहार सबसे आगे होते थे, लेकिन आज इन दोनों राज्यों को पछाड़कर हरियाणा टॉप लिस्ट में शुमार हो चुका है. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों में हरियाणा की स्थिति चिंताजनक है. आंकड़ों के तहत महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं आपराधिक केसों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
फ्लॉप हुई सरकार की योजनाएं!
हरियाणा में बीजेपी की मनोहर सरकार महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती रही है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे देने वाली सरकार क्राइम ग्राफ पर अंकुश लगाने में असफल साबित हुई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट की मानें तो आज हरियाणा में हर रोज 4 रेप और 7 छेड़छाड़ के मामले दर्ज होते हैं. बात करें साल 2019 के नवंबर महीने तक तो रेप के 1347 मामले, गैंगरेप के 182 मामले, हत्या के 988 मामले, किडनैपिंग के 3135 मामले और डकैती के 134 मामले पुलिस के सामने आए हैं.
साइबर सिटी में सबसे ज्यादा मर्डर
प्रदेश में पांच साल में मर्डर के केस सबसे ज्यादा गुरुग्राम में देखे गए हैं. जिले में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई है. अंबाला, भिवानी, चरखीदादरी, फरीदाबाद में, फतेहाबाद, हांसी, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, मेवात, नारनौल, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत व यमुनानगर में भी कई हत्याएं हुई है.
गुरुग्राम में सबसे ज्यादा दुष्कर्म
मर्डर ही नहीं, दुराचार के मामले भी गुरुग्राम सबसे आगे है. इसके अलावा अंबाला, भिवानी, चरखीदादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हांसी, हिसार और यमुनानगर भी इन मामलों में पीछे नहीं है. साइबर सिटी गुरुग्राम में महिलाओं की सुरक्षा का आलम ये है कि यहां करीब पिछले पांच साल में बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. हरियाणा के सभी जिलों में अपराध के मामले में गुरुग्राम के बाद दूसरे नंबर पर फरीदाबाद रहा, जहां बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं. वहीं सोनीपत में भी बलात्कार और हत्या की घटनाएं हुईं हैं.
फरीदाबाद में बच्चियों से सबसे ज्यादा दुराचार
बच्चियों से दुराचार के मामले सबसे ज्यादा फरीदाबाद में दर्ज हुए हैं. फरीदाबाद और गुरुग्राम में बच्चों से बलात्कार के मामले भी सबसे अधिक पाए गए है. यहां पिछले पांच साल में पॉक्सो अधिनियम के तहत क्रमश: 412 और 354 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर रहा पानीपत जहां 3,595 मामले सामने आए हैं. पुलिस ने इस मामलों में पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की है.
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भिवानी में सबसे ज्यादा SC उत्पीड़न
हरियाणा में भिवानी ऐसा जिला है, जहां सबसे ज्यादा एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किए गए हैं. अगस्त तक इनमें अंबाला में 92, भिवानी में 303, चरखीदादरी में 101, फरीदाबाद में 285, फतेहाबाद में 122, गुरुग्राम में 190, हांसी में 77, हिसार में 280, झज्जर में 130, जींद में 186, कैथल में 186, करनाल में 159, कुरुक्षेत्र में 130, मेवात में 125, नारनौल में 181, पलवल में 208, पंचकूला में 35, पानीपत में 148, रेवाड़ी में 131, रोहतक में 243, सिरसा में 123, सोनीपत में 93 व यमुनानगर में 150 केस महिला उत्पीड़न के दर्ज हुए हैं। राजकीय रेलवे पुलिस ने भी 17 मामले दर्ज किए हैं.
पांच सालों का क्राइम ग्राफ
नवंबर 2014 से अगस्त 2019 तक हत्या के 5043, बलात्कार के 4847, पॉक्सो अधिनियम के तहत 3674 और अजा./अजजा. (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत 3695 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं नवंबर 2014 से 20 जुलाई तक 953 को हत्या, 249 को बलात्कार, 457 को बच्चों से बलात्कार और 904 को अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया है.
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क्राइम कैलेंडर
ये तो हो गए पूरे साल के आंकड़े लेकिन अब हम आपको बताते हैं कि सूबे में महीनेवार कितने अपराध होते हैं. यानी आए दिन महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग किन-किन अपराधों का शिकार हो रहे हैं. जानिए टेबल के जरिएः
इस हालत का जिम्मेदार कौन?
हर महीने लाल खून से सने इन आंकड़ों को देखिए ये है हरियाणा, ये है वो हरियाणा जहां सूबे की बीजेपी सरकार बेहतर कल का दावा करती है और पुलिस सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा देती है लेकिन जो वास्तविकता है ना तो सरकार के दावों के अनुकूल है ना ही पुलिस के नारों के अनुकूल है. सच्चाई बस ये है कि पूरे साल यहां हर रोज एक बेगुनाह मरता रहा, हर रोज एक अबला की आबरू लुटती रही, हुक्मरान चैन से सोता रहे और हरियाणा बदनाम होता रहा.