नई दिल्ली : सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी का नेतृत्व कौन करे, इस पर चल रही बहस खत्म होने की संभावना है. सीडब्ल्यूसी सदस्यों, सांसदों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, सहित कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है. इस पत्र में पार्टी के भीतर एक प्रमुख संगठनात्मक सुधार का आह्वान भी किया गया है.
वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में 'अनिश्चितता' और 'अभिप्राय' को लेकर चिंता व्यक्त की है. उनका मानना है कि पार्टी को प्रभावी और सक्रिय नेतृत्व की आवश्यकता है और इस पर जोर दिया जाना चाहिए. ईटीवी भारत द्वारा संपर्क किए जाने पर, कुछ नेताओं ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इस पर बात करने से इनकार कर दिया.
पार्टी के एक पूर्व सांसद ने कहा, 'यह पत्र कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला है. मैं इसका ब्योरा नहीं दे पाऊंगा. सोमवार की बैठक में इन चिंताओं पर चर्चा की जाएगी.' जिन 23 नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, भूपेंद्र हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा, मुकुल वासिक, एम वीरप्पा मोइली, जितिन प्रसाद, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, राजेंद्र कौर भट्टल, राज बब्बर, अखिलेश प्रसाद सिंह, अरविंदर सिंह लवली, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, कौल सिंह ठाकुर और संदीप दीक्षित शामिल हैं.
पत्र में कांग्रेस पार्टी के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाले सदस्यों के लिए चुनाव की मांग की गई और कहा गया कि नेहरू-गांधी परिवार हमेशा 'सामूहिक नेतृत्व' का अभिन्न अंग रहेगा.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी से निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने दावा किया था कि पार्टी के भीतर लगभग 100 कांग्रेस नेता पार्टी की स्थिति से व्यथित हैं, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और सीडब्ल्यूसी में पारदर्शी चुनाव की मांग की है. हालांकि पार्टी ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया था.
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इस मामले पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें बीजेपी की कठपुतली कहा था और आरोप लगाया कि यह सब बीजेपी-फेसबुक विवाद से ध्यान हटाने का एक प्रयास है. झा ने ट्वीट कर लिखा था कि देश भर के लगभग 300 कांग्रेस नेताओं ने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस दो उपाध्यक्षों की नियुक्ति पर भी विचार कर रही है. इसके साथ ही एक संगठनात्मक फेरबदल भी किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी कुछ प्रमुख पदों के लिए नए चेहरों को भी ला सकती है.
वहीं कांग्रेस के कई सांसदों ने सोनिया गांधी से पार्टी प्रमुख के रूप में राहुल गांधी को फिर से नियुक्त करने का आग्रह किया, जिसको लेकर पार्टी सदस्यों के बीच बहस हो रही है. सांसदों का मानना है कि राहुल पार्टी के एकलौते नेता हैं जो मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं.
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पत्र के बारे में सांसद के. सुरेश ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा,'पत्र को लेकर चर्चा तो हुई है. पार्टी का कोई भी नेता या कोई भी कार्यकर्ता, पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने सुझाव दे सकता है. कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है, यहां सभी के अलग-अलग विचार और राय हैं, इसलिए, बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी और एक निर्णय लिया जाएगा.'
इस बार सीडब्ल्यूसी की बैठक जूम ऐप के बजाय एक वेबएक्स पर होगी. बैठक से ठीक पहले नेताओं को मीटिंग आईडी दी जाएगी, जिससे बैठक में हो रही चर्चा को किसी भी हैकिंग या वीडियो लीक से बचाया जा सके.