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JEE मेन में गुजराती भाषा पर ममता ने सरकार से किया सवाल - undefined

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर जेईई (मेन्स) के माध्यम के संबंध में भाषाओं के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 11 नवंबर को NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (डिजाइन इमेज)
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Published : Nov 7, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 10:37 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को जेईई के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं का चयन करने से पहले राज्यों से प्रस्ताव मांगने चाहिए.

ममता ने केंद्र पर जेईई (मेन्स) के माध्यम के संबंध में भाषाओं के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 11 नवंबर को NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी.

गौरतलब है कि इसके एक दिन पहले ममता बनर्जी ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) गुजराती भाषा में कराने के लिए केन्द्र की आलोचना की थी.

उन्होंने केन्द्र से पूछा था कि बंगाली समेत सभी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल क्यों नहीं किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें : बेरोजगारी-मंदी के मुद्दे पर राहुल का तंज, 'मोदी, मंदी और मुसीबत'

आपको बता दें, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2014 में उर्दू, मराठी और गुजराती भाषा को परीक्षा के माध्यम के रूप में जोड़ा था. हालांकि 2016 में उर्दू और मराठी को हटा दिया गया लेकिन हिंदी और अंग्रेजी के साथ गुजराती जारी रही.

मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि गुजराती भाषा वहां है तो बंगाली समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं को भी वहां होना चाहिए.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को जेईई के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं का चयन करने से पहले राज्यों से प्रस्ताव मांगने चाहिए.

ममता ने केंद्र पर जेईई (मेन्स) के माध्यम के संबंध में भाषाओं के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 11 नवंबर को NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी.

गौरतलब है कि इसके एक दिन पहले ममता बनर्जी ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) गुजराती भाषा में कराने के लिए केन्द्र की आलोचना की थी.

उन्होंने केन्द्र से पूछा था कि बंगाली समेत सभी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल क्यों नहीं किया जाना चाहिए.

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आपको बता दें, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2014 में उर्दू, मराठी और गुजराती भाषा को परीक्षा के माध्यम के रूप में जोड़ा था. हालांकि 2016 में उर्दू और मराठी को हटा दिया गया लेकिन हिंदी और अंग्रेजी के साथ गुजराती जारी रही.

मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि गुजराती भाषा वहां है तो बंगाली समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं को भी वहां होना चाहिए.

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Last Updated : Nov 7, 2019, 10:37 PM IST

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