कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने कोरोना वायरस को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के सभापति वैंकया नायडू को पत्र लिखा है. पत्र में सांसदों ने लिखा कि देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दी जाए.
टीएमसी सांसदों ने पत्र में लिखा, 'हमने हर मौके पर इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया है. भारत की संसद में काम करने वाले हजारों लोग हैं, जिनमें सांसद, अधिकारी, सुरक्षाकर्मी, मीडिया और सहयोगी कर्मचारी शामिल हैं. देशभर के लिए जनसंख्या के लिए यह खतरा बन सकता है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं तत्काल आवश्यकता और बड़े समूहों में इकट्ठा न होने के बारे में कहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ज्यादा देखभाल करने जरूरत है.
उन्होंने पत्र में लिखा कि तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल पिछले दो सप्ताह से यह सलाह दे रहा है कि राज्यसभा में लगभग 44 प्रतिशत सांसद और लोकसभा में 22 प्रतिशत सांसद 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं.
पत्र में आगे लिखा कि यह केवल सांसदों के बारे में ही नहीं है, बल्कि प्रतिदिन हजारों लोग संसद परिसर में प्रवेश करते हैं. यह सबके लिए खतरनाक है. इस स्वास्थ्य आपातकाल के खिलाफ लड़ने के लिए राष्ट्र को एकजुट होना चाहिए.
हम आपको इस पर विचार करने के लिए कहते हैं. दोनों सदनों में हुई चर्चा के कुल 110 (अनुमानित) घंटों में से केवल तीन प्रतिशत समय का उपयोग कोरोना महामारी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किया गया था.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के सांसदों को 23 मार्च से तीन अप्रैल तक संसद में उपस्थित न होने का निर्देश दिया है.
उन्होंने पत्र में कहा कि कि सरकार संसद को चालू रखना चाहती है ताकि सांसद देश को विश्वास दिलाएं और उदाहरण के साथ आगे बढ़ें. यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है. यह वह उदाहरण नहीं है जिसे हमें स्थापित करना चाहिए.
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टीएमसी सांसदों ने पीठासीन अधिकारियों से वित्त विधेयक को जल्द से जल्द पारित करने का भी आग्रह किया है.
उन्होंने लिखा कि हम समझते हैं कि एक अप्रैल, 2020 को वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले वित्त विधेयक को पारित करना महत्वपूर्ण है. यह पहले से ही विलंबित है, और किसी भी अन्य नुकसान से पहले, हम आपसे 23 मार्च, सोमवार को बिल लेने का आग्रह करते हैं. हम इस स्वास्थ्य आपातकाल से किसी को भी जोखिम नहीं डाल सकते हैं.