नहीं है प्यार तो जिंदगी में कुछ भी नहीं,
किसी से प्यार करो और बेशुमार करो...
किसी कवि की यह पंक्तियां जीवन में प्यार के महत्व को समझाती हैं. भारतीय परंपरा में वसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. इस ऋतु में वृक्षों में नई कोपलें फूटती हैं और आम के वृक्ष बौर से खिल उठते हैं. हर ओर आंखों को सुकून देने वाली हरियाली दिखाई देती है. जैसे प्रकृति ने अपना श्रृंगार कर लिया हो. प्रेमी युगलों को भी यह मौसम खूब भाता है. पाश्चात्य संस्कृति मिलने की इसी ऋतु को वेलेंटाइन्स वीक के रूप में मनाती है. इस सप्ताह प्रेमी युगल एक-दूसरे को उपहार देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं. भारत में भी अब इस सप्ताह को युवाओं के उत्सव के रूप में जाना जाने लगा है.
वेलेंटाइन्स वीक के सातों दिनों की कुछ न कुछ विशेषता है. पहले दिन को 'रोज डे' कहते हैं. इसके बाद आता है 'प्रपोज डे'. तीसरे दिन प्रेमी अपनी प्रेमिका को चॉकलेट देकर 'चॉकलेट डे' मनाते हैं. सप्ताह के चौथा दिन को 'टेडी डे' कहते हैं. इस दिन युवक अपनी प्रेमिका को उपहार स्वरूप टेडी देते हैं. पांचवें दिन प्रेमी युगल 'प्रॉमिस डे' मनाते हैं और इस दिन एक-दूसरे का विश्वास जीतते हैं. दोनों हमेशा साथ निभाने का वादा करते हैं. छठे दिन को hug day या आलिंगन दिवस कहते हैं और एक-दूसरे को गले लगाकर अपने रिश्ते को और मजबूत बनाते हैं. इसके बाद आता है 'किस डे'.
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अलग-अलग परंपराओं के सात दिन गुजारने के बाद वह दिन यानी 14 February आता है, जिसका इंतजार प्रेमी युगलों को सालभर रहते हैं. इस दिन को वेलेंटाइन्स डे कहते हैं. इसी दिन प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार पर मुकम्मल मानते हैं.