न्यूयार्क/ इस्लामाबाद: पाकिस्तान आर्मी द्वारा अपने देश के नागरिकों पर किए जा रहे जुल्म के खिलाफ विरोध की एक झलक शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर के बाहर देखने को मिली.
बता दें कि पाकिस्तान मूल के कई सारे मानवधिकार कार्यकर्ता ने यहां पर पाकिस्तान विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने एक बार फिर पाक पर बड़ा आरोप लगाया है.उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तानाशाही चलती है.
गुलालाई ने कहा कि उनकी मांग मानवाधिकारों के उल्लंघन को समाप्त करने की थी. ऐसे लोग जो जेल में रहकर यातनाएं झेल रहे हैं. लेकिन बावजूद हमारी मांगों पर अमल करने के बजाय हम पर ही आतंकवाद का आरोप लगाया गया.
गुलालाई ने आगे बताया कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तानाशाही चलती है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने आगे बताया कि कैसे उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया और वो कैसे वहां भागकर अमेरिका पहुंचीं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई और उसके लिए पाक ने सारी मशीनरी का इस्तेमाल किया. गुलालाई ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि कैसे पाकिस्तान उनसे बदला लेने के लिए उनकी मां पर आतंकवाद के मामले दर्ज किए गए.
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उन्होंने कहा कि 'मेरी मां के खिलाफ आतंकवाद के आरोप इसलिए लगाए गए क्योंकि वह मेरी मां हैं.
बता दें कि पाकिस्तान ने इस्माइल पर राज्य विरोधी गतिविधियों और हिंसा भड़काने के गंभीर आरोप लगाए हैं. गुलालाई इस्माइल को पाकिस्तान ने अपने निशाने पर ले रखा है, क्योंकि उन्होंने देश की सेना द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों का खुलासा किया था.
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गुलालाई इस्माइल ने पाकिस्तानी सेना द्वारा यौन शोषण की घटनाओं को उजागर करने की कोशिश की थी.पाकिस्तान की महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से उनपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया.
गुलालाई पर पाकिस्तान ने राजद्रोह का आरोप लगाया है. इसके बाद वह भागकर अमेरिका आ गईं. खबर की माने तो गुलाली इस्माइल वर्तमान में अपनी बहन के साथ ब्रूकलिन में रहती हैं.