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कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए अलग केंद्रशासित प्रदेश होना चाहिए: पनून कश्मीर

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Published : Nov 1, 2020, 8:08 PM IST

प्रवासी कश्मीरी पंडितों के संगठन 'पनून कश्मीर' की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि 'भारत के राष्ट्रीय हितों' की रक्षा के लिए पनून कश्मीर के संघ शासित प्रदेश का निर्माण एक भू-राजनीतिक अनिवार्यता बन गया है.

पनून कश्मीर
पनून कश्मीर

श्रीनगर : प्रवासी कश्मीरी पंडितों के संगठन 'पनून कश्मीर' ने इस समुदाय के लोगों की वापसी के लिए घाटी में एक अलग केंद्रशासित प्रदेश के निर्माण की मांग रविवार को पुनः दोहराई. इसके साथ ही संगठन ने कहा कि क्षेत्र में उनके पुनर्वास से ही 'भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकते हैं.

संगठन ने पुनर्वास की ऐसी किसी भी नीति को खारिज किया जो पंडितों के 'जनसंहार' को मान्यता नहीं देती.

इसकी ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि 'भारत के राष्ट्रीय हितों' की रक्षा के लिए पनून कश्मीर के संघ शासित प्रदेश का निर्माण एक भू-राजनीतिक अनिवार्यता बन गया है.

वक्तव्य में कहा गया कि समुदाय के लोगों का उस क्षेत्र में जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है जहां से हिन्दुओं को निकाल दिया गया था क्योंकि कश्मीर के हिंदू क्षेत्रों में सब कुछ बर्बाद किया जा चुका है.

पिछले साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान के शामिल होने की स्वीकारोक्ति का हवाला देते हुए पनून कश्मीर ने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति का जवाब देना चाहिए.

पढ़ें - पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, भारतीय चौकियों पर की गोलीबारी

संगठन ने कहा, 'हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए और मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जाए.'

श्रीनगर : प्रवासी कश्मीरी पंडितों के संगठन 'पनून कश्मीर' ने इस समुदाय के लोगों की वापसी के लिए घाटी में एक अलग केंद्रशासित प्रदेश के निर्माण की मांग रविवार को पुनः दोहराई. इसके साथ ही संगठन ने कहा कि क्षेत्र में उनके पुनर्वास से ही 'भारत के राष्ट्रीय हित सुरक्षित रह सकते हैं.

संगठन ने पुनर्वास की ऐसी किसी भी नीति को खारिज किया जो पंडितों के 'जनसंहार' को मान्यता नहीं देती.

इसकी ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि 'भारत के राष्ट्रीय हितों' की रक्षा के लिए पनून कश्मीर के संघ शासित प्रदेश का निर्माण एक भू-राजनीतिक अनिवार्यता बन गया है.

वक्तव्य में कहा गया कि समुदाय के लोगों का उस क्षेत्र में जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है जहां से हिन्दुओं को निकाल दिया गया था क्योंकि कश्मीर के हिंदू क्षेत्रों में सब कुछ बर्बाद किया जा चुका है.

पिछले साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान के शामिल होने की स्वीकारोक्ति का हवाला देते हुए पनून कश्मीर ने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान की इस स्वीकारोक्ति का जवाब देना चाहिए.

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संगठन ने कहा, 'हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए और मानवता के खिलाफ अपराध करने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जाए.'

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