हैदराबाद : दुनिया कोरोना वायरस की महामारी से जुझ रही है. विश्वभर के नेता और चिकित्सा विशेषज्ञों ने 'सोशल डिस्टेंसिंग' और अन्य गैर-चिकित्सीय हस्तक्षेप (एनपीआई) पर भरोसा किया है. ऐतिहासिक रूप से यह रणनीति प्रमुख महामारियों को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी साबित हुई है.
हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेषज्ञ अभी भी कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए इस तरह के उपायों की प्रभाव से अनभिज्ञ है.
दुनियाभर की सरकारों के लिए मुख्य उद्देश्य 'परिधि को कम करना' है. कोविड-19 के मामलों को कठोर सामाजिक दूरी और एनपीआई के उपायों से रोकना बेहतरीन विकल्प दिख रहा है.
एनपीआई के उपायों में व्यक्तिगत जागरूकता शामिल है, जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग, नियमित रूप से हाथ धोना, बीमार होने पर घर में रहना, सामुहिक सभाओं को बंद करना, स्कूल, कॉलेज जैसे संस्थाओं में आयोजन रोकना सहित कई सामाजिक दूरी के काम है.
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एनपीआई अस्पताल की क्षमता बढ़ाने और संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए दवाओं या वैक्सीन के साथ सरकार और विशेषज्ञों का ध्यानाकर्षित करता है. लेकिन ये उपाय सामाजिक और आर्थिक नुकसान करता है.